सफलता और असफलता जीवन के दो विविध पहलू हैं जिसका सामना प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में करना होता है।

इंदौर। सफलता और असफलता जीवन के दो विविध पहलू हैं जिसका सामना प्रत्येक मनुष्य को अपने जीवन में करना होता है।
सफलता में अहंकार और असफलता में नैराश्य से जो दूर रहता है वही मनुष्य ईश्वर के परमतत्व को प्राप्त कर अपना जीवन सार्थक करता है।
उक्त विचार सदगुरु अण्णा महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शिष्यों को दिए अपने आशीर्वचन में व्यक्त किए।
शरद जपे ने बताया कि पलसीकर कॉलोनी स्थित श्री दत्त माउली सदगुरु अण्णा महाराज संस्थान में गुरुवार को गुरुपूर्णिमा का उत्सव पूर्ण श्रद्धा, उत्साह और भक्ति के साथ मनाया गया। आज गुरु पूर्णिमा के साथ दो और शुभ संयोग बने दिन गुरुवार का और संस्थान परिसर में स्थापित मूर्तियों का 17वां स्थापना दिवस भी था जिससे भक्तों में उत्साह चरम पर था। अपने गुरु के दर्शन करने शिष्य गण इंदौर के अलावा बाहर के शहरों से भी बड़ी संख्या में पहुंचे। दोपहर 12 बजे आरती के पश्चात संस्थान परिसर में गुरु पादुका की भव्य पालकी यात्रा निकाली गई। गुरु दीक्षा और सदगुरु अण्णा महाराज के दर्शन दोपहर से देर शाम तक हुए। शाम 7 बजे गुरू पाद्य पूजन और आशीर्वचन हुए। 108 दीपकों से अण्णा महाराज की आरती की गई। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा ताई महाजन, महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव, विधायक श्री मधु वर्मा, पार्षद प्रशांत बडवे, सुरेश टाकलकर, पूर्व पार्षद श्रीमती अर्चना चितले, सुधीर देडगे, सहित अनेक राजनेता भी दर्शन के लिए पधारें। इस अवसर पर संपूर्ण परिसर का फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया था।