इजराइली हमले में 138 ईरानियों की मौत: इनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट;

इजराइली हमले में 138 ईरानियों की मौत: इनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट;

इजराइली हमले में 138 ईरानियों की मौत: इनमें 9 न्यूक्लियर साइंटिस्ट;

 इजराइली रक्षा मंत्री की धमकी- मिसाइलें दागीं, तो तेहरान जला देंगे

तेहरान, 14 जून 2025: इजराइली वायुसेना के ईरान पर किए गए भीषण हवाई हमलों में कम से कम 138 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 9 परमाणु वैज्ञानिक और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हैं। इन हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान ने जवाबी मिसाइल हमले किए, तो "तेहरान जल उठेगा।"

हमले का विवरण

इजराइली सेना (IDF) ने शुक्रवार तड़के "ऑपरेशन राइजिंग लायन" के तहत ईरान की राजधानी तेहरान, नतांज, इस्फहान, फोर्डो और परचिन सहित कई रणनीतिक ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इनमें नतांज और फोर्डो के परमाणु संवर्धन केंद्र, बैलिस्टिक मिसाइल सुविधाएं और सैन्य कमांड सेंटर शामिल थे। ईरानी मीडिया के अनुसार, हमलों में रिहायशी इलाकों को भी नुकसान पहुंचा, जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित आम नागरिकों की मौत हुई।

ईरान की तस्नीम न्यूज एजेंसी ने पुष्टि की कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर-इन-चीफ हुसैन सलामी और दो परमाणु वैज्ञानिक, मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फेरेयदून अब्बासी, इन हमलों में मारे गए। इसके अलावा, मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी और अन्य सैन्य कमांडर भी हताहत हुए।

इजराइली रक्षा मंत्री की धमकी

इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने शनिवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "अगर खामेनेई ने इजराइली नागरिकों पर और मिसाइलें दागीं, तो तेहरान जल उठेगा।" यह बयान तब आया जब ईरान ने शुक्रवार रात जवाबी कार्रवाई में इजराइल पर 150 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें और 100 से अधिक ड्रोन दागे, जिनमें से कुछ तेल अवीव और अन्य शहरों में गिरीं। इजराइली सेना ने दावा किया कि अधिकांश मिसाइलों को उनके वायु रक्षा तंत्र ने नष्ट कर दिया, लेकिन तीन नागरिकों की मौत और 70 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।

ईरान का पलटवार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

ईरान ने अपने हमलों को "ट्रू प्रॉमिस थ्री" नाम दिया और दावा किया कि उसने इजराइली रक्षा मंत्रालय सहित कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। ईरानी सर्वोच्च नेता खामेनेई ने कहा, "इजराइली शासन ने हमारे देश पर शैतानी हमला किया, लेकिन हम इसे लाचार बना देंगे।"

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस संघर्ष पर चर्चा के लिए आपातकालीन बैठक बुलाई है। चीन और रूस ने ईरान का समर्थन करते हुए इजराइली हमलों की निंदा की, जबकि अमेरिका ने कहा कि वह इस ऑपरेशन में शामिल नहीं है, लेकिन इजराइल की आत्मरक्षा का समर्थन करता है। सऊदी अरब और पाकिस्तान ने भी हमलों की निंदा की और क्षेत्र में शांति की अपील की।

तनाव का कारण

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम इजराइल और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन गया था। उन्होंने कहा, "हमने ईरान के परमाणु बम बनाने की क्षमता को नष्ट करने के लिए यह लक्षित अभियान शुरू किया।" ईरान ने बार-बार कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इजराइल और पश्चिमी देश इसे संदेह की नजर से देखते हैं।

अमेरिका और UNSC की निगरानी

अमेरिका ने फिलहाल स्थिति पर ‘निकटता से नजर’ रखने की बात कही है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस मुद्दे पर आपात बैठक बुलाने के संकेत दिए हैं।

तनाव और युद्ध की आहट

विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला इजराइल और ईरान के बीच खुले युद्ध की भूमिका तैयार कर सकता है। अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो पूरा मध्य-पूर्व युद्ध की आग में झुलस सकता है।

स्थिति अत्यंत संवेदनशील है और अगला कदम दोनों देशों की रणनीतिक धैर्यता पर निर्भर करेगा।

आगे की आशंका

विश्लेषकों का मानना है कि यह संघर्ष क्षेत्रीय युद्ध में तब्दील हो सकता है। ईरान द्वारा समर्थित हिजबुल्लाह और हमास जैसे समूहों के शामिल होने की आशंका ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। इजराइली सेना ने देश में आपातकाल लागू कर दिया है और नागरिकों को बंकरों में रहने की सलाह दी है।