यूक्रेन - रूस के 41 एयरक्राफ्ट तबाह :4 एयरबेस को निशाना बनाया,करोड़ का नुकसान

यूक्रेन - रूस के 41 एयरक्राफ्ट तबाह :4 एयरबेस को निशाना बनाया,करोड़ का नुकसान

यूक्रेन ने 1 जून 2025 को रूस के खिलाफ एक अभूतपूर्व ड्रोन हमला किया, जिसे "ऑपरेशन स्पाइडर वेब" नाम दिया गया। इस हमले में यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) ने 117 विस्फोटक-युक्त ड्रोन का उपयोग करते हुए रूस के पांच वायुसेना अड्डों को निशाना बनाया, जिससे 41 सैन्य विमान नष्ट या क्षतिग्रस्त हुए और लगभग $7 बिलियन (करीब ₹58,000 करोड़) का नुकसान हुआ।

????️ हमले का तरीका
यूक्रेनी एजेंटों ने ड्रोन और विस्फोटकों को लकड़ी के शेड्स में छिपाकर ट्रकों के माध्यम से रूस के अंदर 4,000 किलोमीटर तक पहुंचाया। इन शेड्स को वायुसेना अड्डों के पास स्थापित किया गया, जहां से ड्रोन को दूरस्थ रूप से नियंत्रित करके लॉन्च किया गया।

???? निशाना बने वायुसेना अड्डे
हमले में रूस के पांच प्रमुख वायुसेना अड्डे प्रभावित हुए: बेलाया (Irkutsk), ओलेन्या (Murmansk), इवानोवो, रियाज़ान और अमूर क्षेत्र। इनमें से कुछ अड्डे यूक्रेनी सीमा से 4,300 किलोमीटर दूर स्थित हैं, जो इस हमले की अभूतपूर्व दूरी को दर्शाता है। 

???? नुकसान का आकलन
विमान नष्ट/क्षतिग्रस्त: 41, जिनमें Tu-95 और Tu-22M3 जैसे रणनीतिक बमवर्षक शामिल हैं।

कुल नुकसान: लगभग $7 बिलियन (करीब ₹58,000 करोड़)।
रूस की रणनीतिक बमवर्षक क्षमता: लगभग 34% प्रभावित हुई। 

????️ प्रतिक्रियाएं
यूक्रेन: राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस हमले को "पूर्णतः शानदार" बताया और कहा कि यह ऑपरेशन 18 महीने की योजना का परिणाम है। 

रूस: रूसी रक्षा मंत्रालय ने हमले की पुष्टि की है, लेकिन नुकसान के विस्तृत विवरण साझा नहीं किए हैं। 

???? अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
इस हमले के बाद, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दी है, जिससे यूक्रेन की सैन्य क्षमता में वृद्धि हुई है। 

???? शांति वार्ता पर प्रभाव
हमले के अगले दिन इस्तांबुल में यूक्रेन और रूस के बीच शांति वार्ता हुई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। यूक्रेन ने पूर्ण और बिना शर्त संघर्षविराम की मांग की, जिसे रूस ने अस्वीकार कर दिया। 

यह हमला यूक्रेन की रणनीतिक क्षमता और रूस के भीतर गहराई तक पहुंचने की उसकी क्षमता को दर्शाता है। इससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है, और शांति वार्ता की संभावनाएं और जटिल हो गई हैं।