इस बार आजादी लेकर रहेगा बलूचिस्तान? नरसंहार किया फिर भी बैकफुट पर आई पाकिस्तानी फौज
ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी में भारत ने जिस जलियावाला बाग नरसंहार के दर्द को झेला अब उसी दर्द को बलूचिस्तान की जनता अपनी हुकूमत के हाथों सहने को मजबूर है. पाकिस्तान की सरकार अपने ही लोगों की जान की दुश्मन बनी हुई है. अपने हक की आवाज बुलंद करने सड़कों पर उतरे बलूचों पर मुनीर की कायर फौज गोलियां बरसा रही है. वहीं पाकिस्तान अपनी अवाम का खून बहाकर खुद को पाक साफ बताने में जुटा है. ये तो वही बात हो गई कि कारतूस में बारूद पाकिस्तान का, बंदूक भी पाकिस्तान की, गोली दागने वाला सैनिक भी पाकिस्तान का और निशाने पर भी पाकिस्तानी. ये सूरत-ए-पाकिस्तान है.यहां व्यवस्था का विरोध करने पर अत्याचार होता है. आवाज उठाने पर गोली मिलती है और हक मांगने पर मिलती है मौत. ठीक वैसे ही जैसे 105 साल पहले अंग्रेजी हुकुमत के दौरान मिला करती थी.