Axiom-4 मिशन लॉन्चिंग अपडेट: शुभांशु शुक्ला 11 जून को ISS के लिए उड़ान भरेंगे
Axiom-4 मिशन लॉन्चिंग अपडेट: शुभांशु शुक्ला 11 जून को ISS के लिए उड़ान भरेंगे

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने घोषणा की है कि Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग, जिसमें भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे, खराब मौसम के कारण एक बार फिर स्थगित कर दी गई है। पहले 10 जून 2025 को निर्धारित यह लॉन्च अब 11 जून 2025 को शाम 5:30 बजे IST (8:00 AM EDT) नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से होगी।
मिशन का विवरण
- मिशन का उद्देश्य: Axiom-4 (Ax-4) मिशन, Axiom Space, SpaceX, और NASA के सहयोग से आयोजित एक निजी अंतरिक्ष उड़ान है, जो चार सदस्यीय दल को ISS पर ले जाएगा। यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा, जिसमें वैज्ञानिक प्रयोग, शैक्षिक गतिविधियां, और व्यावसायिक कार्य किए जाएंगे।
- चालक दल:
- कमांडर: पैगी व्हिटसन (पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री, Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक)।
- पायलट: शुभांशु शुक्ला (भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन, ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी चयनित)।
- मिशन विशेषज्ञ: स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की (पोलैंड, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) और टिबोर कपु (हंगरी, हंगेरियन स्पेस ऑफिस)।
- शुभांशु शुक्ला का योगदान: शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे और सात भारत-विशिष्ट माइक्रोग्रैविटी प्रयोग करेंगे, जिनमें मेथी और मूंग की खेती, मांसपेशियों की क्षति, और अंतरिक्ष पोषण से संबंधित अध्ययन शामिल हैं। इसके अलावा, वह NASA के पांच संयुक्त प्रयोगों में भी भाग लेंगे।
लॉन्च में देरी का कारण
- ISRO के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने बताया कि प्रतिकूल मौसम, विशेष रूप से प्रक्षेपण कॉरिडोर में तेज हवाओं के कारण, लॉन्च को 10 जून से 11 जून तक के लिए टाल दिया गया।
- यह दूसरी बार है जब मिशन की तारीख बदली गई है। पहले यह 29 मई को निर्धारित था, फिर 8 जून, और बाद में 10 जून को स्थगित हुआ।
मिशन का महत्व
- भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण: शुभांशु शुक्ला 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे। यह मिशन भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग का हिस्सा है, जिसकी घोषणा 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुई थी।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग: यह मिशन भारत, पोलैंड, और हंगरी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इन देशों का 40 वर्षों में दूसरा सरकारी समर्थित मानव अंतरिक्ष मिशन और ISS पर पहला मिशन है।
- वैज्ञानिक अनुसंधान: दल 60 प्रयोग करेगा, जिसमें 31 देश शामिल हैं। भारत के प्रयोग अंतरिक्ष कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, और स्वास्थ्य विज्ञान पर केंद्रित हैं, जो भविष्य के लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों और पृथ्वी-आधारित अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
शुभांशु शुक्ला का परिचय
- जन्म और शिक्षा: 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जन्मे शुक्ला ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई की और नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) से प्रशिक्षण लिया।
- कैरियर: 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने वाले शुक्ला ने सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, और हॉक जैसे विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया है। वह 2019 में ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुने गए और 2024 में ग्रुप कैप्टन बने।
- उत्साह और संदेश: शुक्ला ने कहा, “मैं इस मिशन के माध्यम से भारत की नई पीढ़ी में जिज्ञासा जगाना चाहता हूं। मेरी कहानी अगर एक भी जीवन को बदल दे, तो यह मेरे लिए बड़ी सफलता होगी।”
आगे की योजना
- लॉन्च और प्रसारण: मिशन 11 जून 2025 को SpaceX के फाल्कन 9 रॉकेट पर ड्रैगन अंतरिक्षयान (C213) से लॉन्च होगा। यह ड्रैगन यान का पहला मिशन है। लॉन्च का सीधा प्रसारण NASA और Axiom Space के प्लेटफॉर्म पर सुबह 6:15 AM EDT से उपलब्ध होगा।
- ISS पर गतिविधियां: 28 घंटे की यात्रा के बाद, दल 11 जून को रात 10:00 बजे IST के आसपास ISS पहुंचेगा। वहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्कूली बच्चों, और अंतरिक्ष उद्योग के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। शुक्ला भारतीय व्यंजन जैसे मूंग दाल हलवा और मैंगो नेक्टर भी साथ ले जाएंगे।
Axiom-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो गगनयान मिशन से पहले ISRO को मूल्यवान अनुभव प्रदान करेगा। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को दर्शाती है, बल्कि वैश्विक सहयोग और वैज्ञानिक अनुसंधान में देश की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करती है।