राजा रघुवंशी हत्याकांड के अनसुने सवालों के जवाब
राजा रघुवंशी हत्याकांड के अनसुने सवालों के जवाब

सोनम रघुवंशी और उनके पति राजा रघुवंशी के मेघालय हनीमून मर्डर केस ने पूरे देश का ध्यान खींचा। महत्वपूर्ण सवालों के जवाब हैं, जो इस मामले की जटिलताओं को समझने में मदद करते हैं।
*1.सोनम ने ढाबे में सरेंडर क्यों किया ?*
सोनम ने गाजीपुर, उत्तर प्रदेश के काशी ढाबे पर 8 जून 2025 की रात को सरेंडर किया। पुलिस का मानना है कि यह कदम दबाव में उठाया गया, क्योंकि उनके प्रेमी राज कुशवाहा को इंदौर पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। एक वीडियो कॉल के दौरान राज की हिरासत की पुष्टि होने के बाद सोनम को लगा कि अब बचना मुश्किल है। इसलिए, उन्होंने ढाबे के मालिक साहिल यादव से फोन माँगा, अपने भाई को कॉल किया, और फिर पुलिस को सूचना दी गई।
*2. हत्या के बाद सोनम का प्लान क्या था?*
हत्या के बाद सोनम ने सबूतों को धुंधला करने की कोशिश की। 23 मई 2025 को राजा की हत्या के बाद, वह 25 मई को शिलॉन्ग से सिलीगुड़ी होते हुए ट्रेन से इंदौर लौटी। वहाँ वह अपने प्रेमी राज से मिली और एक किराए के मकान में रुकी। इसके बाद, राज ने एक टैक्सी की व्यवस्था की, जिससे सोनम वाराणसी के रास्ते गाजीपुर पहुँची। पुलिस का मानना है कि गाजीपुर में अचानक प्रकट होना और "अपहरण" का दावा करना एक सोची-समझी चाल थी, ताकि वह खुद को पीड़ित दिखा सके।
*3.प्रेमी राज कुशवाहा शिलॉन्ग क्यों नहीं गया?*
राज कुशवाहा ने हत्या की साजिश को इंदौर से ही अंजाम दिया और शिलॉन्ग नहीं गया, ताकि वह संदेह से बच सके। उसने अपने तीन दोस्तों—आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान, और आनंद कुर्मी—को साजिश में शामिल किया, जो गुहावटी और फिर शिलॉन्ग गए। राज ने सोनम के साथ फोन पर संपर्क बनाए रखा और हत्या की योजना को नियंत्रित किया। शिलॉन्ग न जाने से वह पुलिस की नजर में सीधे तौर पर शामिल होने से बच गया।
*4.क्या सोनम ने हत्या की पूरी साजिश अकेले रची थी?*
नहीं, पुलिस के अनुसार हत्या की साजिश सोनम और राज कुशवाहा ने मिलकर रची थी। 17 मई 2025 को, शादी के छह दिन बाद, राज ने अपने तीन दोस्तों के साथ इंदौर में एक कैफे में हत्या की योजना बनाई। सोनम ने मेघालय को हनीमून डेस्टिनेशन के रूप में चुना और केवल एकतरफा टिकट बुक किए। उसने अपनी लाइव लोकेशन हत्यारों के साथ साझा की और राजा को सुनसान जगहों पर ले गई।
*5.हत्या का हथियार कहाँ से आया?*
हत्या में इस्तेमाल हुआ माचेट (एक प्रकार का तेज धार वाला हथियार) गुहावटी रेलवे स्टेशन के पास खरीदा गया था। पुलिस को यह हथियार हत्या स्थल के पास मिला, और इसकी खरीदारी ने जांच को बाहरी लोगों की ओर मोड़ा, क्योंकि इस तरह का हथियार मेघालय में आम नहीं है।
*6.सोनम ने राजा को मेघालय क्यों ले जाने पर जोर दिया?*
सोनम ने राजा को मेघालय जाने के लिए मनाया, क्योंकि यह एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। मूल योजना कश्मीर जाने की थी, लेकिन आतंकी हमलों की खबरों के बाद मेघालय चुना गया। सोनम ने रिटर्न टिकट नहीं बुक किए और राजा को महंगे गहने पहनने के लिए प्रेरित किया, जो संभवतः लूट के मकसद को दिखाने के लिए था। उसकी योजना हत्या को लूट या दुर्घटना जैसा दिखाने की थी
*7.क्या सोनम का परिवार उसकी बेगुनाही पर यकीन करता है?*
सोनम के पिता, देवी सिंह, और राजा के परिवार ने उसकी बेगुनाही का दावा किया है। देवी सिंह ने मेघालय पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। राजा की माँ, उमा रघुवंशी, ने कहा कि सोनम का व्यवहार अच्छा था और अगर वह शादी से खुश नहीं थी, तो वह राजा को छोड़ सकती थी, न कि उसकी हत्या करवाती। हालांकि, पुलिस के सबूत और गिरफ्तारियों ने उनके दावों को कमजोर किया है।
*8.पुलिस को सोनम की साजिश का सुराग कैसे मिला?*
पुलिस को सबसे पहले हत्या में इस्तेमाल माचेट से सुराग मिला, जो मेघालय में असामान्य था। इसके बाद, सोनम और राज के बीच लगातार फोन कॉल्स और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स ने जांच को आगे बढ़ाया। सीसीटीवी फुटेज, किराए के स्कूटी का जीपीएस डेटा, और हत्यारों की गिरफ्तारी ने साजिश को उजागर किया। सोनम के गाजीपुर में अचानक प्रकट होने और राज की हिरासत ने अंतिम पुष्टि की।
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यह मामला एक सुनियोजित साजिश को दर्शाता है, जिसमें सोनम और राज कुशवाहा ने मिलकर राजा की हत्या की। सोनम का ढाबे पर सरेंडर, उसका इंदौर लौटना, और राज का शिलॉन्ग न जाना—ये सभी कदम सावधानीपूर्वक रचे गए थे। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई और तकनीकी सबूतों ने साजिश को बेनकाब कर दिया। दोनों परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा सबूत सोनम की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं।
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