सिन्धु दर्शन महोत्सव में देशभक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम

इंदौर । सिन्धु नदी के तट पर एक बार फिर देशभक्ति और संस्कृति की भावनाएं लहराईं। भारतीय सिन्धू सभा द्वारा आयोजित सिन्धु दर्शन महोत्सव के दौरान पूरे वातावरण में राष्ट्रप्रेम, श्रद्धा और सनातन परंपरा की गूंज सुनाई दी।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रज्ञा प्रवाह उत्तर क्षेत्र संयोजक चंद्रकांत ने कहा, "हम सभी सिन्धु के बिंदु हैं, इसीलिए हम हिन्दू हैं।" उन्होंने तीर्थयात्रियों का आह्वान करते हुए कहा कि अपने पुरखों की जन्मभूमि – सिन्ध – को पुनः प्राप्त करने की आग हमारे हृदय में सदा प्रज्वलित रहनी चाहिए। यह केवल एक भौगोलिक नहीं, बल्कि गहरे भावनात्मक जुड़ाव का विषय है।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजी महोत्सव की शाम
महोत्सव की शुरुआत हवन-यज्ञ और बहिराणा साहिब की पूजा से हुई। इससे पूर्व यात्रियों ने सिन्धु के पवित्र जल में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। भारतीयम विद्या निकेतन की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का अभिनंदन किया।
इसके बाद मध्यप्रदेश सिन्धी साहित्य अकादमी और लद्दाख के स्थानीय कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। लेह पुलिस बैंड द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों ने समूचे माहौल को जोश और उल्लास से भर दिया।
परंपरा और संस्कार भी हुए संपन्न
महोत्सव के दौरान विदिशा से आए दो बालकों का उपनयन संस्कार भी विधिवत सम्पन्न हुआ, जिससे यह आयोजन धार्मिक रूप से भी विशेष बन गया।
अतिथियों ने दी प्रेरणादायक संदेश
विशिष्ट अतिथि डॉ. पदमा गुरमीत जी (विभाग संघचालक, लद्दाख) ने पर्यावरण संरक्षण और नदियों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इन पवित्र नदियों का संरक्षण प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष राजेश वाधवानी ने कहा, “जैसे एक मां अपने बच्चे की इच्छा को समझ लेती है, वैसे ही सिन्धु भी किनारे की गई मनोकामनाओं को सुनती है और उन्हें पूर्ण करती है। वह मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी है।”
देशभर से जुटे श्रद्धालु
महोत्सव में देशभर से 280 से अधिक यात्री और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। प्रमुख उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में बलविंदर सिंह (लद्दाख कल्याण संघ), सिद्धांत जी (लेह नगर प्रचारक), घनश्यामदास देवनानी, दिनेश टहिल्यानी, कांतिभाई पटेल, कैलाश खत्री, रवि भाटिया, मनोज पंजवानी सहित कई अन्य शामिल रहे।कार्यक्रम का संचालन गौरव संतवानी ने किया जबकि आभार मुकेश लखवानी ने व्यक्त किया।
इंदौर से विशेष रूप से जया बालचंदानी, कोमल रिझवानी, अनमोल परियानी, समीक्षा लक्षवानी, पंकज फतेहचंदानी, अजय शिवानी और अन्य श्रद्धालु उपस्थित हुए।