कांटाफोड़ शिव मंदिर को अमरनाथ यात्रा मार्ग पर श्राईन बोर्ड द्वारा लंगर चलाने की अनुमति- मालवा के व्यंजन परोंसेगे

कांटाफोड़ शिव मंदिर को अमरनाथ यात्रा मार्ग पर श्राईन बोर्ड  द्वारा लंगर चलाने की अनुमति- मालवा के व्यंजन परोंसेगे

मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर, नवलखा  

इंदौर। नवलखा चौराहा स्थित मनकामेश्वर कांटाफोड़ शिव मंदिर अब प्रदेश का पहला ऐसा धर्म स्थल बन गया है, जिसको अमरनाथ यात्रा मार्ग पर श्राईन बोर्ड द्वारा अपना स्वयं की लंगर सेवा चलाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। इसके पूर्व मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्थानीय भक्तों से जुटाया गया राशन एवं अन्य खाद्यान्न सामग्री बालटाल स्थित पंजाब (लुधियाना) अमरनाथ बर्फानी सेवा दल द्वारा संचालित लंगर पर भेजी जाती थी। श्राईन बोर्ड की अनुमति मिलने से अब कांटाफोड़ मंदिर ट्रस्ट द्वारा इसी वर्ष से बालटाल में यात्रा मार्ग पर इंदौर के रसोईयों एवं सहयोगी कार्यकर्ताओं को भेजकर करीब सवा माह तक लंगर का संचालन किया जाएगा, जहां मालवा के स्वादिष्ट व्यंजन और इंदौर के पोहे-जलेबी तथा उसल पोहे जैसे व्यंजन भी मिल सकेंगे। 

       मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, संयोजक बी.के. गोयल ने बताया कि लंबी प्रक्रिया के बाद श्राईन बोर्ड ने मन कामेश्वर कांटाफोड़ मंदिर ट्रस्ट को अपना स्वयं का लंगर संचालित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। श्राईन बोर्ड के इस निर्णय से मंदिर से जुड़े भक्तों ने बेहद प्रसन्नता व्याप्त है और वे पूरे उत्साह के साथ इस तैयारी में जुटे हैं कि इस बार अमरनाथ यात्रा मार्ग पर बालटाल में जो लंगर सेवा स्थापित होगी, उसमें इंदौर एवं मालवांचल सहित देश-विदेश से आने वाले भक्तों को इंदौरी जायका परोसा जाए। कोशिश यह भी की जा रही है कि लंगर सेवा में दाल-बाटी, पोहे-जलेबी, उसल-पोहे, कचोरी-समोसा, चूरमा एवं अन्य खाद्य सामग्री और व्यंजन भरपूर मात्रा में परोसे जाएं। इसके लिए मंदिर से जुड़े भक्त जल्द ही खाद्यान्न संग्रह के अभियान शुरू करने वाले हैं। यही नहीं मंदिर से जुड़े 70 भक्त 8 जुलाई को रेल मार्ग से अमरनाथ यात्रा के लिए प्रस्थित होंगे और बालटाल लंगर में अपनी सेवाएं भी प्रदान करेंगे। विजय काला और वरुण मंगल ने बताया कि सभी भक्तों का रेल आरक्षण भी हो चुका है। 

          फिलहाल श्राईन बोर्ड की अनुमति मिलने के बाद मंदिर संचालन समिति ने लंगर की व्यवस्थाओं के लिए 21 सदस्यों की समिति की गठन किया है, जो इस माह के अंतिम सप्ताह में रवाना होकर 3 जुलाई से 9 अगस्त तक करीब सवा महीने तक वहां लंगर का संचालन करेगी।