अग्रवाल संगठन नवलखा क्षेत्र इंदौर वनवासियों को गले लगाने का संदेश ही सही मायने में राम राज्य की बुनियाद है – प.पू. उत्तम स्वामी 

अग्रवाल संगठन नवलखा क्षेत्र इंदौर वनवासियों को गले लगाने का संदेश ही सही मायने में राम राज्य की बुनियाद है – प.पू. उत्तम स्वामी 

वनवासियों को गले लगाने का संदेश ही सही मायने में राम राज्य की बुनियाद है – प.पू. उत्तम स्वामी 

नवलखा अग्रवाल संगठन द्वारा आनंद नगर में चल रहे रामकथा महोत्सव में धूमधाम से मना सीता स्वयंवर-महिलाओं ने संभाली कमान

इंदौर,। राम कथा रूपी नौका में बैठने वाला संसार रूपी भवसागर को आनंद के साथ पार कर लेता है। जिस किसी ने श्रद्धा, विश्वास और प्रेम के साथ राम कथा का श्रवण किया, उसकी जीवन यात्रा हर दृष्टि से सार्थक और सफल रही है। भगवान का अवतरण दुष्टों और असुरों के नाश के लिए ही होता है। भगवान ने वनवास काल में जंगल के आदिवासियों और जीवों का सहयोग लेकर बड़े-बड़े असुरों का उद्धार किया। राम राज्य की स्थापना की नींव वनवास में ही रखी गई। वनवासियों को गले लगाने का संदेश ही सही मायने में राम राज्य की बुनियाद है।

                ये प्रेरक विचार हैं प्रख्यात मानस मनीषी महामंडलेश्वर प.पू. उत्तम स्वामी महाराज के, जो उन्होंने गुरुवार को अग्रवाल संगठन नवलखा की मेजबानी में आनंद नगर खेल परिसर मैदान पर चल रहे रामकथा महोत्सव के दौरान सीता स्वयंवर और उसके पूर्व वनवास गमन प्रसंगों के दौरान व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व पत्रकार राजेश चेलावत, समाजसेवी गणेश गोयल, अरविंद बागड़ी, संजय बांकड़ा, के.के. गोयल, शिव जिंदल, संजय मंगल, धनंजय शाह, विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री जितेन्द्र परमार, राहुल गोयल, कमलेश खंडेलवाल, रितेश बारदान, सुरेश रामपीपल्या, राजीव बांकड़ा, अमन सिंघल, मुकेश अग्रवाल, सुनील बड़गोंदा, बालमुकुंद अग्रवाल, मनोज योगी, अरुण बागड़ी, आशीष अग्रवाल आदि ने व्यासपीठ का पूजन किया। आज कथा पांडाल की सभी व्यवस्थाएं मातृशक्ति के हाथों में रही और अगवानी, मंच एवं आरती से लेकर प्रसाद वितरण तक की व्यवस्थाएं मनीषा बंसल, पूजा गोयल, श्रद्धा अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल शिवमोती, सुरभि गर्ग, रुचि अग्रवाल, सीमा बंसल, शीतल सिंघल, इंदिरा बद्रुका एवं पूजा बंसल शुभसिटी, संगीता बागड़ी ने संभाली। यजमान समूह के दुर्गेश गर्ग, रामप्रकाश गुप्ता, प्रमुख संयोजक संदीप गोयल आटो, पार्षद मृदुल अग्रवाल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता प्रतिदिन सेवाएं दे रहें हैं। कथा का यह प्रवाह 21 अप्रैल तक प्रतिदिन सायं 4 से 7 बजे तक चलेगा। 

               महामंडलेश्वर प.पू. उत्तम स्वामी ने कहा कि दुख में सुख का अहसास कराती है राम कथा। हमारे हृदय में बैठे परमात्मा रूपी अरुण ज्योति को जागृत बनाती है राम कथा। हृदय जब पवित्र हो जाता है, तब इस ज्योति का प्राकट्य स्वतः हो जाता है। हमारे चित्त की वृत्तियों को हम जिस दिन राम कथा से जोड़ देंगे, उस दिन हमारे मन में भी राम राज्य स्थापित हो जाएगा। हरिद्वार में बहने वाली गंगा की तरह राम कथा रूपी गंगा भी तन-मन को पवित्र बनाती है। करोड़ों पाप का बोझ लादे हुए व्यक्ति को भी राम कथा अपनी मंजिल तक पहुंचाती है। धार्मिक कार्यों में बाधक बनने वाला व्यक्ति महापापी कहलाता है। संसार का आनंद क्षणिक होता है, लेकिन अध्यात्म और परमात्मा से जुड़ा आनंद कभी नष्ट नहीं होता। भगवान का अवतार दुष्टों, राक्षसी प्रवृत्तियों और असुरों के नाश के लिए ही होता है। उनका नाश भी उनके कल्याण का कारण बन जाता है, यही दैवीय शक्ति है। भगवान ने वनवासकाल में आदिमानवों और जीवों को साथ लेकर उस समय के राक्षसी प्रवृत्तियों का मुकाबला किया। वनवासियों को गले लगाने का संदेश ही सही मायने में राम राज्य की बुनियाद है।