ठाणे लोकल ट्रेन हादसा: 4 की मौत, 13 घायल

ठाणे लोकल ट्रेन हादसा: 4 की मौत, 13 घायल

ठाणे लोकल ट्रेन हादसा: 4 की मौत, 13 घायल

9 जून 2025 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक दुखद हादसे में, दीवा और मुंब्रा स्टेशनों के बीच दो भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेनों से यात्रियों के गिरने से चार लोगों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। यह हादसा सुबह करीब 9:30 बजे हुआ, जब दो ट्रेनें - एक छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) की ओर और दूसरी कसारा की ओर जा रही थी - एक तीखे मोड़ पर आमने-सामने से गुजरीं।

हादसे का विवरण

  • स्थान और समय: हादसा मुंब्रा रेलवे स्टेशन के पास, किलोमीटर मार्कर 40/304-306 पर सुबह 9:01 बजे हुआ।
  • कारण: प्रारंभिक जांच के अनुसार, अत्यधिक भीड़ और तेज मोड़ पर दो ट्रेनों के एक-दूसरे के करीब से गुजरने के कारण फुटबोर्ड पर खड़े यात्रियों के बैग आपस में टकराए, जिससे वे संतुलन खोकर गिर गए।
  • मृतक और घायल: चार यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनकी पहचान केतन सरोज, राहुल गुप्ता, मयूर शाह, और ठाणे रेलवे पुलिस के कांस्टेबल विक्की मुख्याद के रूप में हुई। 13 घायलों में से दो की हालत गंभीर है, जिन्हें जुपिटर अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि सात अन्य का इलाज कलवा अस्पताल में चल रहा है।
  • प्रत्यक्षदर्शी बयान: एक घायल यात्री, तुषार भगत, ने बताया कि जब ट्रेन मुंब्रा के पास मोड़ पर थी, तब फुटबोर्ड पर खड़े यात्रियों को नजदीक से गुजर रही दूसरी ट्रेन (संभवतः पुष्पक एक्सप्रेस) के कारण धक्का लगा, जिससे कई लोग गिर गए।

प्रशासन और रेलवे की प्रतिक्रिया

  • तत्काल कार्रवाई: रेलवे और ठाणे पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घायलों को नजदीकी अस्पतालों (शिवाजी अस्पताल और ठाणे जनरल अस्पताल) में भर्ती कराया।
    जांच: रेलवे प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने बताया कि भीड़ के कारण फुटबोर्ड पर लटके यात्रियों के बीच टकराव हादसे का मुख्य कारण था।
  • मुआवजा: महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की।
  • सुरक्षा उपाय: रेलवे बोर्ड ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे (ऑटोमैटिक डोर क्लोजर) लगाने का फैसला किया है। मौजूदा रेलगाड़ियों में भी इस सुविधा को जोड़ने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

  • मुख्यमंत्री का बयान: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हादसे को "बेहद दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और जांच का आश्वासन दिया।
    विपक्ष का आक्रोश: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर रेलवे की बदहाल स्थिति के लिए निशाना साधा, इसे "असुरक्षा और अराजकता का प्रतीक" बताया। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने रेलवे की योजनाओं को "खोखला" करार दिया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस्तीफे की मांग की।
  • रेलवे एक्टिविस्ट्स की चिंता: रेलवे कार्यकर्ताओं ने ठाणे-दीवा खंड को "मौत का रास्ता" करार देते हुए बार-बार भीड़भाड़ की समस्या को उठाया। उनका कहना है कि अतिरिक्त ट्रेन सेवाओं के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

पृष्ठभूमि और संदर्भ

  • ठाणे-दीवा खंड की समस्या: यह खंड पहले भी कई हादसों का गवाह रहा है। 2024 में इस खंड पर ट्रेन से गिरने के कारण 28 लोगों की मौत हो चुकी थी। 2025 में यह संख्या बढ़कर 42 तक पहुंच गई।
  • भीड़भाड़ का मुद्दा: मुंबई की लोकल ट्रेनें, विशेष रूप से ठाणे, कल्याण, और मुंब्रा स्टेशनों पर, अत्यधिक भीड़ के लिए कुख्यात हैं। हर दिन ठाणे स्टेशन पर 8 लाख से अधिक यात्री आते हैं, जिससे बुनियादी सुविधाओं पर दबाव पड़ता है।

यह हादसा मुंबई की लोकल ट्रेनों में भीड़भाड़ और सुरक्षा की कमी को उजागर करता है। रेलवे प्रशासन ने स्वचालित दरवाजों जैसे उपायों की घोषणा की है, लेकिन यात्रियों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक ट्रेनों की संख्या और बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं होगा, ऐसी घटनाएं रुकना मुश्किल है। इस त्रासदी ने एक बार फिर रेलवे और सरकार से तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की मांग को तेज कर दिया है।