अहमदाबाद हादसे के बाद करीब आए कुकी और मैतेई समुदाय
अहमदाबाद हादसे के बाद करीब आए कुकी और मैतेई समुदाय

गुजरात के अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे के दौरान एक हैरान कर देने वाली लेकिन दिल को छू लेने वाली घटना सामने आई है।
गुजरात के अहमदाबाद में हुए एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे के बाद कुकी और मैतेई (मणिपुरी) समुदायों के बीच एक नई सद्भावना देखने को मिल रही है। इस हादसे में शामिल एक केबिन क्रू (विमान परिचारक दल) के सदस्यों की भूमिका ने इन दोनों समुदायों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अहमदाबाद, 14 जून 2025: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने न केवल देश को झकझोर दिया, बल्कि मणिपुर के कुकी और मैतेई समुदायों को भी एक अनपेक्षित रूप से करीब ला दिया। इस हादसे में लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जिसमें मणिपुर की दो युवा केबिन क्रू सदस्य, कोंगब्राईलटपम नगनथोई शर्मा (मैतेई) और लामनुनथेम सिंगसन (कुकी), भी शामिल थीं। इस त्रासदी ने मणिपुर में लंबे समय से चली आ रही सामुदायिक तनाव की खाई को पाटने का काम किया।
हादसे की पृष्ठभूमि
एयर इंडिया का विमान AI171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेहगनीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 230 यात्रियों और 12 क्रू सदस्यों सहित कुल 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक यात्री, ब्रिटिश मूल के भारतीय विशवशकुमार रमेश, जीवित बचे। विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की डाइनिंग हॉल से टकराया, जिससे जमीन पर भी कई लोग हताहत हुए। हादसे के कारणों की जांच के लिए विमान का एक ब्लैक बॉक्स बरामद किया गया है, और जांच जारी है।
कुकी और मैतेई समुदाय का एकजुट दुख
मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच चली आ रही जातीय हिंसा ने 260 से अधिक लोगों की जान ले ली और 70,000 से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया। इस तनाव के बीच, कोंगब्राईलटपम नगनथोई शर्मा (21) और लामनुनथेम सिंगसन (28) की मौत ने दोनों समुदायों को एकजुट कर दिया। नगनथोई, थौबल जिले की मैतेई समुदाय की रहने वाली थीं, जबकि सिंगसन, कुकी-प्रधान कांगपोकपी जिले की थीं, जो इंफाल से विस्थापित होकर वहां रह रही थीं।
पूर्व मणिपुर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ट्वीट कर इस दुख को व्यक्त किया, "यह हृदयविदारक है कि मणिपुर की दो युवा केबिन क्रू, कोंगब्राईलटपम नगनथोई शर्मा और लामनुनथेम सिंगसन, अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया हादसे में नहीं रहीं। दोनों जीवंत थीं और समर्पण के साथ सेवा कर रही थीं।"
सामुदायिक एकजुटता का प्रतीक
नगनथोई और सिंगसन की मृत्यु ने मणिपुर में सिविल सोसाइटी समूहों को एक मंच पर ला दिया। नगनथोई के पिता, नंदेश कुमार शर्मा ने कहा, "हमारे समुदाय (कुकी और मैतेई) घर पर एक-दूसरे से बात नहीं करते, लेकिन मेरी बेटी और सिंगसन अन्य राज्यों में दोस्तों की तरह साथ काम करती थीं। मैं प्रार्थना करता हूं कि दोनों की आत्माएं शांति पाएं।"
इसी तरह, सिंगसन की चचेरी बहन, टी. थंगलिंगो हाओकिप ने बीबीसी को बताया कि सिंगसन उनके परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं, और उनकी मृत्यु ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। थadou स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने भी दोनों युवतियों की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, "उनकी असामयिक मृत्यु हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।"
सोशल मीडिया पर भावनात्मक प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर मणिपुर के लोगों ने इस त्रासदी को लेकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। एक यूजर, डायना ने ट्वीट किया, "जीवन वास्तव में अप्रत्याशित है। नगनथोई शर्मा की असामयिक मृत्यु ने हमें स्तब्ध कर दिया।" वहीं, एक अन्य यूजर, हेन कुकी ने सिंगसन को याद करते हुए लिखा, "मेरी प्रिय बहन, लामनुनथेम सिंगसन, एक समर्पित मैनचेस्टर यूनाइटेड प्रशंसक थी। उनकी आखिरी व्हाट्सएप स्टेटस थी, 'A Change is Gonna Come'।"
इंफाल के एक बुकस्टोर मालिक, मार्टिन थोकचोम ने अपनी कविता 'Someone Over Gujarat' में लिखा, "दो नाम जिन्हें मैं नहीं जानता था, लेकिन पहचान गया - एक मैतेई, एक कुकी। दोनों वर्दी में। दोनों अपने घर से।" यह कविता मणिपुर के लोगों के साझा दुख को दर्शाती है।
जांच और राहत कार्य जारी
हादसे के बाद, अहमदाबाद में राहत और बचाव कार्य जोरों पर हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और अन्य एजेंसियां मलबे में फंसे लोगों को निकालने और शवों की पहचान के लिए काम कर रही हैं। DNA टेस्टिंग के जरिए शवों की पहचान की जा रही है, और एयर इंडिया ने दिल्ली और मुंबई से अहमदाबाद के लिए राहत उड़ानें शुरू की हैं ताकि पीड़ितों के परिजनों को सहायता मिल सके।
यह विमान हादसा निस्संदेह एक त्रासदी है, लेकिन इसने मणिपुर के कुकी और मैतेई समुदायों को एक दुर्लभ अवसर प्रदान किया है, जहां दोनों समुदाय एक साझा दुख में एकजुट हुए हैं। नगनथोई और सिंगसन की यादें, जो अपने कर्तव्यों को निभाते हुए एक साथ काम कर रही थीं, मणिपुर के लोगों के लिए एकता और शांति की उम्मीद की किरण बन गई हैं।
????️ विशेषज्ञों का मानना है, "ऐसे छोटे मगर महत्वपूर्ण मौके ही समाज को जोड़ने का काम करते हैं।"
???? यह घटना इस बात का प्रतीक बन गई है कि संवेदनशीलता और मदद का जज्बा किसी भी वैमनस्य को पिघला सकता है।
???? अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या एक हादसा ही सही, लेकिन क्या यह एक नई शुरुआत हो सकती है मणिपुर की शांति प्रक्रिया की?
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