महाकाल के रंग में रंगी मैथिलानी सखियां: इंदौर से उज्जैन की भक्तिमय यात्रा

महाकाल के रंग में रंगी मैथिलानी सखियां: इंदौर से उज्जैन की भक्तिमय यात्रा

*महाकाल के रंग में रंगी मैथिलानी सखियां: इंदौर से उज्जैन की भक्तिमय यात्रा*  

इंदौर। श्रावण मास की पवित्रता और भक्ति के रंग में रंगी इंदौर की सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की महिलाओं ने एक अनूठी आध्यात्मिक यात्रा का आयोजन किया। इस यात्रा में समूह की सदस्यों ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन किए और भक्ति, उत्साह व एकता के साथ सामूहिक रूप से इस पल को अविस्मरणीय बनाया। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक थी, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और सामाजिक योगदान को बढ़ावा देने का एक प्रेरणादायक प्रयास भी थी।

महाकाल की भक्ति में रंगी यात्रा

इंदौर से शुरू हुई इस यात्रा का नेतृत्व समूह की प्रमुख ऋतू झा और शारदा झा ने किया। सभी महिलाओं ने हरी साड़ियां पहनकर एकरूपता और भक्ति का भाव प्रदर्शित किया। रास्ते भर मैथिली भाषा में बाबा महाकाल के भजन, नचारी और विवाह गीतों की मधुर स्वरलहरियों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। उज्जैन पहुंचकर सभी ने श्रद्धा के साथ महाकाल मंदिर में दर्शन किए, जल और प्रसाद अर्पित किया, और महाकाल लोक का भ्रमण कर इस पवित्र स्थल की भव्यता का आनंद लिया। वापसी के सफर में अंताक्षरी और हंसी-ठिठोली ने यात्रा को और भी यादगार बना दिया।

महिलाओं के लिए एक उन्मुक्त मंच

ऋतू झा ने बताया कि सखी बहिनपा मैथिलानी समूह ने इस महाकाल यात्रा का आयोजन उन घरेलू महिलाओं के लिए किया, जो पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच अपनी पहचान और खुशियों को तलाशना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “हमारा समूह उन महिलाओं को प्रोत्साहित करता है जो अपने परिवार के साथ-साथ अपनी प्रतिभा को निखारना चाहती हैं, अपने सपनों को जीना चाहती हैं और समाज के लिए कुछ सार्थक योगदान देना चाहती हैं। यह यात्रा ऐसी महिलाओं को एक उन्मुक्त और खुशहाल अनुभव प्रदान करने का एक प्रयास है।

खुद के लिए जिए पल''

शारदा झा ने इस यात्रा को एक अनमोल अनुभव बताते हुए कहा, “महाकाल नगरी की इस यात्रा में सभी सखियों ने खुलकर आनंद लिया। हमने एक-दूसरे के साथ हंसी-मजाक किया, भक्ति में डूबकर गीत गाए और ऐसा लगा जैसे हम उस पल को सिर्फ अपने लिए जी रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि सखी बहिनपा मैथिलानी समूह का मूल उद्देश्य उन महिलाओं को मंच प्रदान करना है, जो पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले अपनी पहचान और खुशियों को भूल चुकी हैं। यह समूह उन्हें अपनी प्रतिभा को पहचानने और अपने सपनों को साकार करने का अवसर देता है।

महिलाओं का सशक्तिकरण और सामाजिक योगदान

सखी बहिनपा मैथिलानी समूह का यह प्रयास केवल एक धार्मिक यात्रा तक सीमित नहीं था, बल्कि यह महिलाओं को सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम था। समूह का लक्ष्य है कि हर महिला अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी अपने लिए समय निकाले, अपनी प्रतिभा को तराशे और समाज में सकारात्मक बदलाव लाए। यह यात्रा इस दृष्टिकोण का जीवंत उदाहरण थी, जहां महिलाओं ने न केवल भक्ति का आनंद लिया, बल्कि एक-दूसरे के साथ अपनी भावनाओं और सपनों को भी साझा किया।
मैथिलानी समूह की  सुषमा झा, कविता झा,  सोनी झा, श्वेता मिश्रा ने कहा कि सखी बहिनपा मैथिलानी समूह की यह पहल समाज में महिलाओं के लिए एक नई प्रेरणा बन रही है। समूह की ओर से भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जो महिलाओं को न केवल आध्यात्मिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाए, बल्कि उन्हें अपने व्यक्तित्व को पूर्ण रूप से जीने का अवसर भी प्रदान करे। इस यात्रा ने न केवल बाबा महाकाल के प्रति श्रद्धा को बढ़ाया, बल्कि मैथिली संस्कृति और महिलाओं की एकजुटता को भी नया आयाम दिया।