सैनिटरी पैड से परफ्यूम तक पर्यावरण के लिए खतरा!

सैनिटरी पैड से परफ्यूम तक पर्यावरण के लिए खतरा!


विश्व पर्यावरण दिवस पर जानिए, कैसे टूथपेस्ट और वॉशिंग पाउडर भी चुपचाप मार रहे हैं पृथ्वी को
र्ल्ड एनवायरनमेंट डे (5 जून) के मौके पर जानिए कि हमारे दैनिक उपयोग की वस्तुएं—जैसे सैनिटरी पैड, टूथपेस्ट, वॉशिंग पाउडर, शैंपू और परफ्यूम—कैसे पृथ्वी को प्रदूषित कर रही हैं और इनके विकल्प क्या हो सकते हैं।
 5 जून | World Environment Day Special

हम रोज़ाना जिन चीज़ों का इस्तेमाल करते हैं—जैसे कि सैनिटरी पैड, टूथपेस्ट, वॉशिंग पाउडर, परफ्यूम, फेसवॉश—क्या आपने कभी सोचा है कि ये पर्यावरण को किस तरह नुकसान पहुंचा रहे हैं?

 1. सैनिटरी पैड: प्लास्टिक का जाल
सामान्य तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले सैनिटरी नैपकिन में 90% से अधिक प्लास्टिक होता है।
एक पैड को सड़ने में 500–800 साल तक लगते हैं। भारत में करोड़ों महिलाएं हर महीने इसका इस्तेमाल करती हैं।
➡ हर महीने लाखों टन नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा सिर्फ पैड से निकलता है।
➡ इनका सही तरीके से निस्तारण न होना ज़मीन और जल दोनों को जहरीला बना देता है।

 2. वॉशिंग पाउडर: नदियों में जहर
कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाला पाउडर, जिसमें फॉस्फेट्स, ब्लीच और सल्फेट होते हैं, जब गंदे पानी के साथ बहता है तो:
➡ नदियों में झाग बनने लगता है, जिससे पानी की ऑक्सीजन कम हो जाती है।
➡ जलीय जीव मरने लगते हैं।
➡ ज़मीन की उर्वरता पर भी असर पड़ता है।

 3. टूथपेस्ट और फेसवॉश: माइक्रोप्लास्टिक का हमला
इनमें इस्तेमाल होने वाले माइक्रोबीड्स यानी बहुत छोटे प्लास्टिक कण, सीवर से निकलकर नदियों में चले जाते हैं:
➡ मछलियां इन्हें खा लेती हैं
➡ फूड चेन में प्लास्टिक पहुंचता है – हमारे खाने तक!
➡ इनसे जलीय जीवन पर बड़ा खतरा मंडराता है

 4. परफ्यूम और डियोड्रेंट: हवा में जहर
इनमें मौजूद वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (VOCs) हवा में मिलकर:
➡ ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं
➡ सांस की बीमारियों का कारण बनते हैं
➡ वायु प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं

 क्यों ये ज़रूरी है समझना?
हम दिनभर अपने शरीर को साफ, सुगंधित और आरामदायक रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन अनजाने में पृथ्वी को बीमार बना रहे हैं। इन छोटे-छोटे प्रोडक्ट्स का दैनिक स्तर पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।

क्या कर सकते हैं हम?
✅ कम प्लास्टिक वाले उत्पाद चुनें।
✅ बायोडिग्रेडेबल विकल्पों को प्राथमिकता दें।
✅ कचरा अलग करके रिसाइकिल करें।
✅ जागरूकता फैलाएं और सस्टेनेबल लाइफस्टाइल अपनाएं।
✅ क्या हैं समाधान?
 बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड या मेंस्ट्रुअल कप अपनाएं

 इको-फ्रेंडली डिटर्जेंट और साबुन का प्रयोग करें
 नेचुरल टूथपेस्ट, चारकोल पाउडर जैसे विकल्पों की ओर बढ़ें
 परफ्यूम और डियो का कम इस्तेमाल करें, और हर्बल विकल्प चुनें

World Environment Day का संदेश:
"छोटी-छोटी आदतें बदलें, पृथ्वी को बचाएं!"
हमारा हर छोटा कदम, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण की ओर बढ़ता कदम हो सकता है।