लोक और शास्त्र की भ्रामरी दृष्टि रखते थे पं. विद्यानिवास, वीणा के संपादक राकेश शर्मा विद्यानिवास मिश्र स्मृति पत्रकारिता सम्मान 2025 से सम्मानित  ,

लोक और शास्त्र की भ्रामरी दृष्टि रखते थे पं. विद्यानिवास,  वीणा के संपादक राकेश शर्मा विद्यानिवास मिश्र स्मृति पत्रकारिता सम्मान 2025 से सम्मानित  ,

लोक और शास्त्र की भ्रामरी दृष्टि रखते थे पं. विद्यानिवास मिश्र 

वीणा के संपादक राकेश शर्मा विद्यानिवास मिश्र स्मृति पत्रकारिता सम्मान 2025 से सम्मानित 

इन्दौर। मूर्धन्य साहित्यकार और संपादक पं. विद्यानिवास मिश्र लोक और शास्त्र की भ्रामरी दृष्टि रखते थे। वो जरा मरण से मुक्त नाम के अनुरुप विद्या के मूर्धन्य विद्वान और साहित्यकार थे। भारतीय संस्कृति के आधार काव्य और चित्र दोनों के दर्शन विद्यानिवास मिश्र के साहित्य में मिलते है। उपर्युक्त उद्गार ख्यात शिक्षाविद् और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने व्यक्त किये। प्रसंग था पंडित विद्यानिवास मिश्र स्मृति पत्रकारिता सम्मान 2025 प्रदान किये जाने का जो वीणा के संपादक  राकेश शर्मा को  श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के सभागार में गरिमामय समारोह में प्रदान किया गया। कार्यक्रम का आयोजन श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति विद्या श्री न्यास, काशी एवं इन्दौर प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रुप में ललित निबंध के मूर्धन्य विद्वान  नर्मदाप्रसाद उपाध्याय ने कहा कि अन्तरानुशासित व्यक्तित्व के धनी विद्यानिवास मिश्र भारतीय कला और लोक दोनों को एक स्वर प्रदान करते थे। उनके हर निबंध और शिल्प के पीछे भारतीय दर्शन का साक्षात्कार होता है। सम्मान से सम्मानित श्री राकेश शर्मा ने कहा कि आज इस सम्मान को पाकर बहुत ही अभिभूत हूँ। मुझे मिश्र को साक्षात् सुनने का अवसर प्राप्त हुआ था, उन्हें पढ़ा भी। मैं सौभाग्यशाली हूँ उनकी स्मृति में यह सम्मान मुझे प्रदान किया गया, इससे मेरी साहित्य के प्रति जवाबदारी और बढ़ जाती है। इन्दौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष  अरविंद तिवारी ने कहा कि हम सबके लिए ये गौरव का विषय है कि ऐसे मूर्धन्य विद्वान की स्मृति का सम्मान वीणा के संपादक  राकेश शर्मा को प्रदान किया जा रहा है। इस अवसर पर  नर्मदा प्रसाद उपाध्याय द्वारा लिखित ‘‘चयनित निबंध पंडित विद्यानिवास मिश्र’’ कृति का लोकार्पण भी किया गया। 

 आरंभ में माँ सरस्वती की अर्चना गीता शर्मा ने की। अतिथियों का स्वागत और परिचय समिति के कार्यवाहक प्रधान मंत्री घनश्याम यादव, प्रचार मंत्री हरेराम वाजपेयी, प्रकाशन मंत्री अनिल भोजे, अर्थ मंत्री राजेश शर्मा, प्रबंध मंत्री अरविंद ओझा, डॉ. अखिलेश राव ने किया। सम्मान पत्र का वाचन डॉ. वसुधा गाडगिल ने किया एवं  राकेश शर्मा का साहित्यिक परिचय  सुनील कुमार ने दिया। कार्यक्रम का संचालन  मुकेश तिवारी ने किया एवं अंत में आभार परीक्षा मंत्री उमेश पारेख ने व्यक्त किया।