मालवा उत्सव के अंतिम दिन रही चहल-पहल, रोड शो में दिखी कलाकारों की खुशियां

मालवा उत्सव के अंतिम दिन रही चहल-पहल, रोड शो में दिखी कलाकारों की खुशियां
सदा शंकरम, पनिहारी, मटकी, अहीर लाठी, सेला गेडी, भील भगोरिया, सिद्धि धमाल , कत्थक मिश्ररास नृत्य हुए*
इंदौर । मालवा उत्सव का आगाज जिस भव्यता के साथ हुआ था आज अंतिम दिवस भी वही भव्यता निरंतरता और उत्साह लोगों में दिखाई दे रहा था। जब भव्य मंच से उदघोषिका ने घोषणा की कि आज मालवा उत्सव का समापन दिवस है तो उपस्थित दर्शको की भावना थी कि यह उत्सव बहुत जल्दी समाप्त हो गया है। लोक संस्कृति मंच के संयोजक शंकर लालवानी ने इंदौर की जनता को मालवा उत्सव को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया और बधाई दी।
*रोड शो में कलाकारों को देखने उमड़ी भीड़*
मांदल और शहनाई की थाप पर नाचते धार अलीराजपुर झाबुआ के भील जनजाति के आदिवासी लोक कलाकार वही मालवा की मटकी लोक नृत्य पर नृत्य करते लोक कलाकार महाराष्ट्र, छत्तीसगढ, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों के लोक कलाकार जब लाल बाग के परिसर में मुख्य सड़क पर नृत्य करते चले तो उनको देखने सैकड़ो की संख्या में दर्शक आसपास इकट्ठा हो गए । ऐसा लगता था कि पूरा भारत यही उतर आया हो। मौका था मालवा उत्सव में आज लोक कलाकार द्वारा रोड शो का।
*सांस्कृतिक प्रस्तुतियां*
लोक संस्कृति मंच के सचिव दीपक लवंगडे ,पवन शर्मा एवं सतीश शर्मा ने बताया कि छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश से आए कलाकारों ने सेलागेडी नृत्य प्रस्तुत किया यह गोंड आदिवासी जनजाति का पारंपरिक नृत्य यह उनकी संस्कृति परंपराओं और रीति रिवाज को दर्शाता है। बांस के डंडों पर खड़े होकर किया गया नृत्य खूबसूरत था यह बसंत पंचमी पोल व फसल अच्छी होने के उल्लास में किया जाता है ।गुजरात से ही आइ टीम द्वारा मिश्र रास गरबा प्रस्तुत किया गया जो महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा किया गया। वही गुजरात के भरूच जिले से पधारे सिद्धि धमाल समूह ने अफ्रीकन जनजाति का लोक नृत्य सिद्धि धमाल जो कि उनका पारंपरिक नृत्य है प्रस्तुत किया जो दर्शकों के लिए एक अद्भुत अनुभव दे गया ।इसमें कमर एवं सिर पर मोर पंख की विशेष प्रकार की परिधान पहनी गई थी आशीष पिल्लई वह ध्रुपद डांस अकैडमी द्वारा 17 कलाकारों के समूह ने उत्तर भारत के शास्त्रीय नृत्य कथक और दक्षिण भारत के शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की जुगलबंदी सदा शंकरम प्रस्तुत की नायिका कला निकेतन ग्वालियर से शिवा नायक ओर साथियों ने कथक की सुंदर प्रस्तुति दी। हर्षा खरे एवं साथियों द्वारा महाराष्ट्र की लावणी की सुंदर प्रस्तुतियां ने सबका मन मोह लिया।
इस अवसर पर लोक संस्कृति मंच के कंचन गिदवानी स्वाती लवंगडे रितेश पाटनी ,मनीष बासानी विशाल गिदवानी, संकल्प वर्मा कपिल जैन, रितेश पिपलिया, निवेश शर्मा, मुकेश पांडे, जुगल जोशी, राजेश बिहानी,विकास केतले , दिलीप जोशी,
संकल्प वर्मा मौजूद थे।