भगवान् परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में... ‘परशुराम और राष्ट्र आराधना’ विषय पर ओजस्वी वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का व्याख्यान 10 मई को

भगवान् परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में... ‘परशुराम और राष्ट्र आराधना’ विषय पर ओजस्वी वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का व्याख्यान 10 मई को

भगवान् परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में... ‘परशुराम और राष्ट्र आराधना’ विषय पर ओजस्वी वक्ता पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का व्याख्यान 10 मई को

रवीन्द्र नाट्य गृह में  आद्य गौड़ ब्राह्मण सेवा न्यास द्वारा  आम लोगों के लिए दिलचस्प आयोजन

इंदौर, 25 अप्रैल। आद्य गौड़ ब्राह्मण सेवा न्यास के तत्वावधान में श्री परशुराम यशोगाथा की श्रृंखला में इस वर्ष शनिवार, 10 मई को रवीन्द्र नाट्य गृह में शाम 7 बजे से ‘भगवान श्री परशुराम और राष्ट्र आराधना’ विषय पर ओजस्वी वक्ता एवं राष्ट्र आराधक पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ का विचारोत्तेजक व्याख्यान होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरिद्वार - दिल्ली से आने वाले श्री आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री बालकानंद गिरि महाराज करेंगे। 
             न्यास के अध्यक्ष पं. दिनेश शर्मा ने बताया कि वर्तमान संदर्भों में विशेषकर पहलगाम की लोमहर्षक घटना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए इस विषय पर श्री कुलश्रेष्ठ का ओजस्वी उदबोधन सुनना एक दुर्लभ प्रसंग होगा। समय-समय पर अपने प्रखर और कड़वी सच्चाई को इंगित करने वाले उदबोधन के लिए पूरी दुनिया में प्रख्यात कुलश्रेष्ठ को रूबरू सुनने का यह एक सामयिक अवसर होगा। विषय की प्रस्तावना शिक्षाविद डॉ. मंगल मिश्र रखेंगे। 
           न्यास द्वारा इस आयोजन हेतु व्यापक तैयारियों की जा रही हैं और आयोजन सभी प्रबुद्ध और राष्ट्र धर्म में आस्था रखने वाले चैतन्य नागरिकों के लिए खुला है। बैठक व्यवस्था पहले आए, पहले पाएं आधार पर रखी गई है l नाट्यगृह के बाहर भी मेगा  स्क्रीन पर व्याख्यान सुनने की व्यवस्था की जाएगी। इस विशिष्ठ आयोजन की व्यवस्था हेतु न्यास के परिचय एवं परिणय सम्मेलन प्रकोष्ठ, आरोग्य प्रकोष्ठ, मातृशक्ति प्रकोष्ठ, मीरा मोहन प्रकोष्ठ, संस्कृति प्रकोष्ठ, अमृत कलश प्रकोष्ठ को जिम्मेदारियां दी गई हैं l  उल्लेखनीय है कि आद्य गौड़  ब्राह्मण सेवा न्यास द्वारा गत वर्ष परशुराम जयंती महोत्सव के तहत श्री श्रीविद्याधाम पर आयोजित कार्यक्रम में संकल्प किया गया था कि अब प्रतिवर्ष भगवान परशुराम के नाम पर एक व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा,  उसी के अनुरूप यह आयोजन हो रहा है।