इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन की इंदौर इकाई ने नई कार्यकारिणी की घोषणा

डॉ. आशीष वर्मा को अध्यक्ष, डॉ. प्रिंस गुप्ता को क्लिनिकल सचिव और डॉ. रवि डोसी को कोषाध्यक्ष की सौंपी गई जिम्मेदारी
*इंदौर* । इंदौर में गंभीर बीमारियों और आईसीयू सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए इंडियन सोसायटी फॉर क्रिटिकल केयर मेडिसिन (ISCCM) की इंदौर इकाई ने नई कार्यकारिणी की घोषणा की है। आगामी दो वर्षों (2025-2027) के लिए गठित इस टीम ने हाल ही में आयोजित आमसभा में विधिवत रूप से शपथ ली और कार्यभार ग्रहण किया।
डॉ. आशीष वर्मा को अध्यक्ष, डॉ. प्रिंस गुप्ता को क्लिनिकल सचिव और डॉ. रवि डोसी को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनके साथ-साथ कार्यकारिणी में डॉ. वरुण देशमुख, डॉ. अर्पित जैन, डॉ. प्रेरणा बेदी लाखोटिया, डॉ. स्मिता जैन और डॉ. ज्योति वाधवानी को भी शामिल किया गया है।
इलेक्शन ऑफिसर डॉ. संजय धानुका, पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. आनंद सांघी, डॉ. विवेक जोशी और डॉ. निखिलेश जैन की ऑब्ज़र्वरशिप में यह आयोजन सफल हुआ।
"डॉ. रवि डोसी, कोषाध्यक्ष ने कहा - "आज के समय में जब हर मिनट महत्वपूर्ण होता है, क्रिटिकल केयर का क्षेत्र मरीजों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाता है। आईएससीसीएम इंदौर चैप्टर का हिस्सा बनकर मैं गौरव महसूस कर रहा हूँ। कोषाध्यक्ष के रूप में मेरी प्राथमिकता यह रहेगी कि संस्था के संसाधनों का पारदर्शी और प्रभावशाली उपयोग हो, ताकि अधिक से अधिक डॉक्टरों को प्रशिक्षण और समाज को जागरूकता मिल सके। हमारा प्रयास रहेगा कि हम शहर के हर कोने में गुणवत्तापूर्ण क्रिटिकल केयर सेवाओं को सुलभ बनाएं।”
डॉ. आशीष वर्मा, अध्यक्ष ने कहा - "क्रिटिकल केयर केवल आईसीयू तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सोच है, समय पर, सटीक और सामूहिक प्रयासों से जीवन बचाने की। अध्यक्ष के रूप में मेरी प्राथमिकता होगी कि हम इंदौर में क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों का एक सशक्त नेटवर्क तैयार करें जो चिकित्सा मानकों के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी प्राथमिकता दे। हम तकनीकी प्रशिक्षण, सामूहिक संवाद और जन-जागरूकता के ज़रिए समाज में गंभीर बीमारियों की समझ को और बेहतर बनाने की दिशा में काम करेंगे।”
डॉ. प्रिंस गुप्ता, क्लिनिकल सचिव ने कहा -"क्रिटिकल केयर में निरंतर सीखना और सिखाना बहुत आवश्यक है। हमारी टीम इंदौर के डॉक्टरों और युवा चिकित्सकों के लिए नियमित कार्यशालाओं, सेमिनार्स और केस स्टडी डिस्कशन का आयोजन करेगी, ताकि मेडिकल फैसले और उपचार प्रक्रिया और भी सटीक और वैज्ञानिक हों। साथ ही, हम आम जनता के लिए भी जागरूकता शिविर आयोजित करेंगे ताकि वे यह जान सकें कि किन लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।