इंदौर में मिशन शक्तिसैट का भव्य शुभारंभ, बेटियों को मिला अंतरिक्ष में उड़ान का सुनहरा अवसर

इंदौर में मिशन शक्तिसैट का भव्य शुभारंभ, बेटियों को मिला अंतरिक्ष में उड़ान का सुनहरा अवसर
इंदौर |जाल सभागृह, इंदौर में आज "मिशन शक्तिसैट" कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें देशभर के साथ-साथ इंदौर की धरती भी बेटियों के अंतरिक्ष सपनों की साक्षी बनी। मध्य प्रदेश में इंदौर और आसपास के गांव से 20 बालिकाओं का चयन इस कार्यक्रम के लिए विजय सोशल वेलफेयर सोसाइटी संस्था द्वारा किया गया। मेंकार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, कैबिनेट मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन, देव विजय कुमार मंडलोई एवं जेडीयू श्रीमती अर्चना चौहान उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में इसरो के निदेशक राजीव चटवानी, विज्ञान संप्रेषक तन्मय मुखर्जी एवं मिशन शक्तिसैट की भारतीय एंबेसडर विंग कमांडर जया तारे ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम में 250 से अधिक छात्र-छात्राएं एवं शिक्षकों ने सहभागिता की। बच्चों को अंतरिक्ष विज्ञान, एविएशन और भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की यात्रा से अवगत कराया गया। इस अवसर पर विंग कमांडर जया तारे ने मिशन शक्तिसैट के उद्देश्यों तथा आगामी चंद्रयान-26 मिशन में शामिल होने वाली सैटेलाइट के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मिशन के अंतर्गत 108 देशों की 12,000 बालिकाओं को ISRO द्वारा 120 घंटे की ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिसमें वे सैटेलाइट के डिज़ाइन, निर्माण, परीक्षण और प्रक्षेपण की बारीकियों को सीख रही हैं। जनवरी 2026 में श्रीहरिकोटा में इस सैटेलाइट की फाइनल असेंबलिंग कर सितंबर 2026 में चंद्रयान-26 मिशन के साथ इसका प्रक्षेपण किया जाएगा।
कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती लिली संजय डाबर ने किया तथा अंत में विजय सोशल वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक माधुरी मोयदे ने सभी अतिथियों एवं उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया।
“सपनों को सैटेलाइट की तरह उड़ान दो” – तन्मय मुखर्जी
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तन्मय मुखर्जी ने बच्चों को प्रेरित करते हुए अंतरिक्ष विज्ञान, कल्पना और जिज्ञासा के अद्भुत संगम की कहानी सुनाई। उन्होंने इसरो की पहली लॉन्च से लेकर मंगलयान तक की ऐतिहासिक यात्रा को सरल व रोचक भाषा में साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे तीन महिलाओं — रितु करिधल, नंधिनी हरिनाथ और मीनल रोहित ने भारत के मंगल अभियान को सफलता दिलाई।
छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा—"आप सिर्फ स्कूल की बच्चियाँ नहीं, बल्कि एक्सप्लोरर और क्रिएटर हैं। आत्मविश्वास और सपना — यही असली रॉकेट फ्यूल है।"
ISRO की गौरवशाली यात्रा से प्रेरणा — राजीव चटवानी
इसरो के निदेशक राजीव चटवानी ने इसरो की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आर्यभट्ट, चंद्रयान-1, मंगलयान, आदित्य एल-1, चंद्रयान-3 से लेकर भविष्य के गगनयान, चंद्रयान-4 एवं निसार मिशन तक की योजनाओं का उल्लेख किया।
उन्होंने विशेष रूप से चंद्रयान-3 की सफलता, PSLV-C37 द्वारा एक मिशन में 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण तथा मंगलयान की विश्व कीर्तिमान स्थापित करने वाली उपलब्धि को साझा करते हुए कहा—
"आप सिर्फ सीख नहीं रही हैं, बल्कि भविष्य की नेता बन रही हैं। आत्मविश्वास ही आपका रॉकेट फ्यूल है, जो आपको नयी ऊँचाइयों तक ले जाएगा।"
मिशन शक्तिसैट की छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान व कौशल का उपयोग देश व समाज के विकास में करें।ऐतिहासिक अवसर ने इंदौर सहित पूरे प्रदेश को गर्व से भर दिया, जहाँ बेटियाँ अब सचमुच अंतरिक्ष में उड़ान भरने को तैयार हैं।
मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत का संकल्प, तभी पूरा होगा जब हमारी बेटियाँ विज्ञान, तकनीक और गणित शिक्षा में समान भागीदारी निभाएँगी। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विज्ञान एवं नवाचार को स्कूली स्तर से ही प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है।
मोदी सरकार ने बेटियों को सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। ये योजनाएं बेटियों को शिक्षा, कौशल और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बालिका लिंगानुपात और शिक्षा स्तर में सुधार करना है। सुकन्या समृद्धि योजना से माता-पिता को बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए आर्थिक संबल मिला है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की संयुक्त पहल नव्या योजना के तहत बेटियों को आधुनिक तकनीकी कौशल से सशक्त किया जा रहा है। केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजनाएं मेधावी बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। ये सभी प्रयास बेटियों को आत्मविश्वास, स्वाभिमान और सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक साबित हो रहे हैं।