पिता को मुखाग्नि, अपनी पीढ़ा दिल में समेटे सीएम एट वर्क, जनता का दर्द और दायित्व पहले - इंडियन न्यूज अड्डा
पिता को मुखाग्नि, अपनी पीढ़ा दिल में समेटे
सीएम एट वर्क,जनता का दर्द और दायित्व पहले
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अपने स्वर्गवासी पिता पूनमचंद यादव के पार्थिव देह को पुत्र डॉ मोहन यादव ने नम आंखों से अंतिम विदाई देने के साथ ही एक संजीदा और जवाबदेह मुख्यमंत्री ने अपना दर्द दिल में रखकर प्रदेश के जनता की भी चिंता की।
मंगलवार को डॉ यादव के पिता का निधन हो गया था ,आज अंतिम संस्कार और गुरुवार को उठवाना। इस बीच अपना दर्द दिल में दबाए मुख्यमंत्री यादव ने बुधवार को
ग्वालियर, धार और झाबुआ जिलों में हुई विभिन्न घटनाओं के संबंध में तीनों जिलों के कलेक्टर से दूरभाष पर चर्चा कर जानकारी प्राप्त की और आम नागरिकों की राहत के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर झाबुआ को निर्देश दिए कि दो बच्चियों के बह जाने से उनके परिवार को चार-चार लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाए। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो यह भी ध्यान रखा जाए।
वही ग्वालियर कलेक्टर से चर्चा कर ट्रॉमा सेंटर की घटना की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इस संबंध में सतर्कता रखी जाए और समस्त स्टॉफ सजग रह कर अपना दायित्व निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री ने धार जिले में डही विकासखंड के ग्राम बड़वानिया में जनजातीय बालक आश्रम परिसर में वर्षा जल भर जाने से विद्यार्थियों को हुए कष्ट के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कलेक्टर ने बताया कि समय रहते हैं, बच्चों को बचाया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसी घटनाओं का दोहराव न हो, इसके लिए सभी आवश्यक सावधानियां रखी जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की धार जिले की इस घटना में जिन सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों द्वारा सेवा प्रदान की गई और बच्चों की जीवन रक्षा के लिए सक्रियता एवं सजगता का परिचय दिया गया उन्हें राज्य सरकार पुरस्कृत और सम्मानित करेगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पिता का 3 सितंबर मंगलवार को अवसान हुआ है। आज बुधवार 4 सितंबर को पिता के अंतिम संस्कार के बाद उज्जैन स्थित निवास से उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में घटित घटनाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर नागरिकों के हित में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव पिता के अवसान के पश्चात शोक व्यक्त करने आए नागरिकों विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट कर राजधर्म का पालन करते हुए प्रदेश की स्थिति पर नजर भी रखे हुए हैं। वे निरंतर प्रशासनिक अधिकारियों से दूरभाष पर चर्चा भी कर रहे हैं।