संकल्प का जल  कान्ह सरस्वती नदी में अर्पित कर उम्मीदों की कान्ह के किनारे किया जल चिन्तन

संकल्प का जल  कान्ह सरस्वती नदी में अर्पित कर उम्मीदों की कान्ह के किनारे किया जल चिन्तन

संकल्प का जल  कान्ह सरस्वती नदी में अर्पित कर उम्मीदों की कान्ह के किनारे किया जल चिन्तन

विश्व जल दिवस की पूर्व सांध्य पर कान्ह सरस्वती नदी का कृष्णपुरा छत्री घाट साक्षी  बना अपने आप मे एक अभिनव प्रयास का  जहां नदी के पुनर्जीवन एवं आने वाले जल संकट के लिए तकनीकी या कोई औपचारिक बाते नही हुईं बल्कि भावनाएं 
 ,संवेदनाएं और संकल्प से ओतप्रोत यह आयोजन था 
अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित जल जाजम में जल संरक्षण के लिए कोई औपचारिक भाषण नही किया बल्कि  शशिकांत शुक्ला, रामेश्वर गुप्ता, शिवाजी मोहिते द्वारा अभ्यास मंडल के बैनर तले वह आंदोलन जिससे नर्मदा का जल इंदौर आया की गाथा सुनाई उन्होंने कहा  यह जनता का आंदोलन था जो सफल हुआ 
अभ्यास मंडल मध्य भारत का ऐसा सामाजिक संगठन जिसने दशकों पहले जल के महत्व और भविष्य में शहर की जल मांग की फिक्र उस समय कर के तमामं कठनाईया,चुनोतियाँ,और संघर्ष कर के नर्मदा का जल इंदौर लाने में कामयाबी हासिल की उन कार्यकर्ताओं से बड़ा जल संरक्षक कौन हो सकता है। आज इंदौर का जो मुकाम है,उसका अप्रत्यक्ष कारण नर्मदा के जल की उपलब्धता ही है। वही हमारी यात्रा यही नही रुकी  हमारी विरासत कान्ह सरस्वती नदी जो इस मालवा के औद्योगिक नगर की जीवन रेखा थी जिसके किनारे बडे-बडे ऐतिहासिक घाट बने हैं। लेकिन अव्यवस्था अनदेखी  और मानवीय स्वार्थ के कारण अपना अस्तित्व खो चुकी है। उसके पुनर्जीवन के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। उसी   
तारतम्य में आज हमनें जल दिवस की पूर्व संध्या पर शहरवासियों और जिम्मेदारों से एक मर्मीक अपील करते हुए कलश में शुद्ध जल भर के कृष्णपुरा छत्री घाट पर खड़े होकर नदी में जल अर्पित किया जिसका मकसद था की यह नाला नही नदी है। शहर कितना भी विकास कर ले नदी के बगैर सबकुछ अधूरा है। यह कूड़ा करकट
गंदगी डालने की जगह नही बल्कि आस्था, विश्वास और सहयोग का अर्घ्य देने का स्थान है। ताकी हमारी यह गौरवशाली नदी वर्तमान की दयनीय स्थिति से उबर कर  आने वाले समय में फिर से कल-कल करती बहे वही कार्यक्रम में जल संरक्षण
 से जुड़ी रचनाए एवं जल के महत्व और उस पर गहराते संकट पर हरेराम वाजपाई, वैशाली खरे, ग्रीष्म त्रिवेदी, नेअपने विचार रखे
कार्यक्रम का संचालन स्वप्निल व्यास, ने किया,आभार मालासिंह ठाकुर.. ने माना.. कार्यक्रम में मदन राणे, बसंत सोनी, मुरली खंडेलवाल, एम पी शर्मा, कुणाल भंवर, आदित्यप्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।