अडानी का यह बड़ा कदम मचाएगा मार्केट में हलचल, मुकेश अंबानी की भी इस पर नजर
अरबपति गौतम अडानी की अगुवाई वाली कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (AEL) ने अपने शेयरधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। कंपनी अपने फूड FMCG बिजनेस को अलग करके अडानी विल्मर में मिलाएगी। अडानी एंटरप्राइजेज के पास अडानी कमोडिटीज के जरिये अडानी विल्मर में 43.94 फीसदी हिस्सेदारी है। इस डील के तहत AEL के शेयरधारकों को AEL के हर 500 शेयर के बदले अडानी विल्मर के 251 शेयर मिलेंगे। अडानी एंटरप्राइजेज का मानना है कि इससे कंपनी के शेयरधारकों को सीधा फायदा होगा। इससे अडानी विल्मर को खाद्य तेल और एफएमसीजी क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। एफएमसीजी सेक्टर में रिलायंस की मुख्य कंपनी रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड है। मुकेश अंबानी भी सेक्टर में अपनी स्थिति को मजबूत करने में जुटे हैं। गौतम अडानी का यह कदम एफएमसीजी सेक्टर में हलचल पैदा करेगा। यहां दोनों कारोबारी दिग्गजों की तगड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।
अडानी एंटरप्राइजेज ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा, इस डिमर्जर से डिमर्ज होने वाली कंपनी के शेयरधारकों को सीधे तौर पर रिजल्टिंग कंपनी में वैल्यू अनलॉक होगी। इससे फोकस्ड स्ट्रैटेजी के साथ स्थायी विकास के लिए रास्ते खुलेंगे, जिससे सभी स्टेकहोल्डर्स और कंपनियों से जुड़े लोगों को फायदा होगा। डिमर्जर स्कीम में अडानी एंटरप्राइजेज का अडानी कमोडिटीज में रणनीतिक निवेश भी शामिल है। कंपनी ने कहा कि फूड एफएमसीजी बिजनेस के लिए जोखिम, प्रतिस्पर्धा, चुनौतियां, अवसर और बिजनेस के तरीके डिमर्ज होने वाली कंपनी के दूसरे बिजनेस से अलग हैं। फूड एफएमसीजी बिजनेस और डिमर्ज होने वाली कंपनी के दूसरे बिजनेस अलग-अलग तरह के निवेशकों, रणनीतिक भागीदारों, कर्जदाताओं और अन्य स्टेकहोल्डर्स को आकर्षित कर सकते हैं। इसीलिए कंपनी ने डिमर्जर के जरिये फूड एफएमसीजी बिजनेस को अलग करने का प्रस्ताव रखा है।