शर्मिष्ठा पनोली ने पैगंबर के लिए क्या कहा:कौन हैं शर्मिष्ठा, जिनकी गिरफ्तारी पर गरमाई सियासत

शर्मिष्ठा पनोली ने पैगंबर के लिए क्या कहा:कौन हैं शर्मिष्ठा, जिनकी गिरफ्तारी पर गरमाई सियासत

शर्मिष्ठा पनोली, एक 22 वर्षीय लॉ स्टूडेंट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जिनकी गिरफ्तारी ने हाल ही में भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक संवेदनशीलता के बीच बहस को जन्म दिया है।

 शर्मिष्ठा पनोली कौन हैं?
शर्मिष्ठा पनोली पुणे के सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा हैं। इसके साथ ही, वह इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सक्रिय इन्फ्लुएंसर हैं, जिनके हजारों फॉलोअर्स हैं। उनका कंटेंट सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर केंद्रित होता है।

 विवाद की शुरुआत
शर्मिष्ठा ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने "ऑपरेशन सिंदूर" पर बॉलीवुड हस्तियों की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इस वीडियो में उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में भी टिप्पणी की थी, जिसे कुछ यूजर्स ने आपत्तिजनक और भड़काऊ माना। इसके बाद, उन्होंने सोशल मीडिया पर माफी भी मांगी थी और वीडियो को डिलीट कर दिया था।

⚖️ गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
हालांकि शर्मिष्ठा ने माफी मांग ली थी, फिर भी कोलकाता पुलिस ने उन पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। उनके खिलाफ आरोप थे:
=धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाना
=धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करना
=जानबूझकर अपमान करना
=शांति भंग करने की संभावना वाला जानबूझकर अपमान
=सार्वजनिक शरारत को उकसाने वाले बयान देना

कोलकाता पुलिस का कहना है कि उन्होंने सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए शर्मिष्ठा को गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ कई बार कानूनी नोटिस भेजे गए थे, लेकिन वे फरार हो गए थे, जिसके बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।

 सियासी और सामाजिक प्रतिक्रिया
शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर सियासी हलकों में घमासान मच गया है। बीजेपी नेताओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने इसे पुलिस शक्तियों का दुरुपयोग कहा है। वहीं, अभिनेत्री कंगना रनौत ने शर्मिष्ठा के समर्थन में कहा कि उन्होंने माफी मांग ली है, और अब उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

विदेशी सांसदों ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। डच सांसद गीर्ट वाइल्डर्स ने शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी रिहाई की अपील की।

 निष्कर्ष
शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन की आवश्यकता को उजागर किया है। यह मामला सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति के दायरे और उसके कानूनी परिणामों पर विचार करने की आवश्यकता को दर्शाता है।