कनाडा ने G7 समिट के लिए प्रधानमंत्री मोदी को न्योता क्यों भेजा?

???????? 1. नए गुट की पहल – मैर्क कार्नी की रणनीति
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प्रधानमंत्री मार्क कार्नी (Mark Carney) को कनाडा में लिबरल पार्टी के नए नेता के रूप में चुना गया है। उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शामिल होने और द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की ओर रुख अपनाया है
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कार्नी ने स्पष्ट कहा कि “भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और ग्लोबल सुरक्षा, ऊर्जा, AI, Critical Minerals जैसे विषयों पर चर्चा के लिए G7 टेबल पर उसका होना ज़रूरी है”
???? 2. कूटनीतिक दूरी से पुल की तरफ़
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पिछले कुछ सालों में कनाडा-भारत रिश्तों में तनाव की स्थिति बनी रही, ख़ासकर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और उसके बाद उच्च-स्तरीय आरोपों की वजह से
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इसके बाद टूटे हुए संवाद को फिर से जोड़ने के लिए कार्नी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि “सम्मेलन के लिए मोदी को आमंत्रित करना द्विपक्षीय संबंधों के पुनःमार्ग और विश्वास की बहाली का संकेत है” ।
???? 3. वैश्विक मंच पर भारत की अहमियत
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भारत G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन एक शक्तिशाली ‘आउटरीच देश’ की हैसियत रखता है।
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कार्नी के अनुसार, भारत की आर्थिक क्षमता और जनसंख्या इसे वैश्विक सुरक्षा व ऊर्जा विषयों में साझीदार बनाते हैं
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भारत को आमंत्रित करना G7 की गंभीर पहल जैसे कि सहयोगी सुरक्षा, आर्थिक वैयविध्य और सामरिक सामंजस्य में योगदान देने की दिशा में एक कदम है ।
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भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और G20 की अध्यक्षता सफलतापूर्वक कर चुका है।
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यूक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन और आपूर्ति श्रृंखला संकट जैसे मुद्दों पर भारत की राय महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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G7 देश चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए भारत को एक प्रमुख साझेदार के रूप में देखते हैं।
???? 4. कनाडा‑भारत संबंधों का संभावित रीसेट
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कार्नी की पहल को "डिप्लोमैटिक रीसेट" यानी कूटनीतिक पुनर्मूल्यांकन के रूप में देखा जा रहा है ।
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यह कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय को भी ध्यान में रखते हुए उठाया गया कदम है — एक सकारात्मक संकेत दोनों देशों की जनता के लिए ।
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हरदीप सिंह निज्जर मामले (कनाडा में एक खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या) के बाद भारत-कनाडा संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
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कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए थे, जबकि भारत ने इन्हें बेबुनियाद बताया।
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अब कनाडा रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि:
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कनाडा में बड़ी भारतीय डायस्पोरा है, जो व्यापार और राजनीति में प्रभाव रखती है।
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चीन के खतरे के मद्देनजर कनाडा को भारत के साथ सुरक्षा सहयोग की जरूरत है
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5. G7 का विस्तार करने की योजना?
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कुछ G7 देश (जैसे अमेरिका, जापान) भारत को G7 का स्थायी सदस्य बनाना चाहते हैं, क्योंकि:
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रूस-चीन के गठजोड़ (BRICS+) के मुकाबले में भारत एक डेमोक्रेटिक पावर है।
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इंडो-पैसिफिक रणनीति में भारत की भूमिका अहम है।
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हालांकि, यूरोपीय देश (जैसे फ्रांस, इटली) G7 के विस्तार के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए भारत को अभी केवल गेस्ट के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
6. व्यापार और तकनीकी सहयोग बढ़ाने की मंशा
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कनाडा भारत के साथ FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) करना चाहता है, जिस पर बातचीत चल रही है।
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रक्षा और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
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कनाडा भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर निर्भर है, इसलिए वीजा और प्रवासन नियमों में सुधार की भी बात होगी।
7. क्या PM मोदी G7 समिट में शामिल होंगे?
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अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन भारत सरकार इस आमंत्रण को सकारात्मक रूप से ले सकती है।
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अगर मोदी जाते हैं, तो कनाडा के साथ बर्फ़ पिघलाने और G7 देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने का मौका मिलेगा।
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यदि नहीं जाते, तो यह कनाडा के साथ चल रहे तनाव का संकेत होगा।
बड़ी तस्वीर: G7 भारत को वैश्विक नेतृत्व की मेज पर बैठाना चाहता है, लेकिन भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति (जैसे रूस के साथ तटस्थ रुख) को बनाए रखते हुए ही सहयोग करेगा।