*सिकल सेल के उन्मूलन के लिए प्रभावी कदम: मरीजों के इलाज पर जोर - राज्यपाल मंगु भाई पटेल*
*सिकल सेल के उन्मूलन के लिए प्रभावी कदम: मरीजों के इलाज पर जोर - राज्यपाल मंगु भाई पटेल*
*सिकल सेल के उन्मूलन के लिए प्रभावी कदम: मरीजों के इलाज पर जोर - राज्यपाल मंगु भाई पटेल*
इंदौर। मध्य प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर बीमारी के उन्मूलन के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने *देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद सदस्य डॉ. एके द्विवेदी* से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में सिकल सेल मरीजों की 80-90% स्क्रीनिंग पूरी हो चुकी है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अब यह आवश्यक है कि इन मरीजों के समुचित इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि यदि एलोपैथी और आयुष (आयुर्वेद-होम्योपैथी) चिकित्सा मिलकर इस दिशा में कार्य करें और कुछ परिवारों को इस बीमारी से बचाने में सफल हों, तो यह समाज के लिए एक बड़ी सेवा होगी।
*सिकल सेल के इलाज के लिए रिसर्च सेंटर स्थापित होगा*
*डॉ. एके द्विवेदी* ने राज्यपाल को अवगत कराया कि शीघ्र ही देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु राकेश सिंघई के नेतृत्व में केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (CCRH), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से इंदौर और झाबुआ में एक रिसर्च सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर में होम्योपैथी के माध्यम से सिकल सेल जैसी असाध्य बीमारियों का इलाज किया जाएगा। इस परियोजना में विश्वविद्यालय को कोई आर्थिक भार नहीं उठाना पड़ेगा, क्योंकि पूरा खर्च आयुष मंत्रालय वहन करेगा।
*सांसद शंकर लालवानी का सहयोग सराहनीय*
डॉ. द्विवेदी ने बताया कि इस परियोजना में इंदौर के सांसद शंकर लालवानी का भी सहयोग मिल रहा है। राज्यपाल ने इस योजना की सराहना करते हुए इसके शीघ्र क्रियान्वयन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सामाजिक और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यों में सभी को मिलकर योगदान देना चाहिए।
*शादी पूर्व जांच को अनिवार्य करने की अपील*
डॉ. द्विवेदी ने राज्यपाल से सिकल सेल पीड़ित परिवारों के लिए शादी पूर्व जांच के नियम बनाने की अपील की, जिसे उन्होंने सहमति दी। राज्यपाल ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि सिकल सेल रोगियों के परिजनों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए और शादी से पहले अनिवार्य जांच की प्रक्रिया लागू की जाए, जिससे अगली पीढ़ी को इस बीमारी से बचाया जा सके।
*मध्य प्रदेश सरकार का एक बड़ा कदम*
मध्य प्रदेश सरकार और अन्य संबंधित संस्थानों की यह पहल राज्य में सिकल सेल के उन्मूलन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है। यदि इलाज और रोकथाम दोनों पर ध्यान दिया जाए, तो इस गंभीर बीमारी को समाज से पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।