वैश्य घटकों के बीच एकता और रोटी-बेटी के रिश्तों की स्थापना की दिशा में ऐसे अनूठे आयोजन हर दृष्टि से प्रासंगिक - गिरीश

सौ से अधिक रिश्तों पर मुहर के साथ सार्थक हुआ
वैश्य समाज के 25 घटकों का विशिष्ट परिचय सम्मेलन
वैश्य घटकों के बीच एकता और रोटी-बेटी के रिश्तों की स्थापना की दिशा में ऐसे अनूठे आयोजन हर दृष्टि से प्रासंगिक - गिरीश
इंदौर म.प्र. वैश्य महासम्मेलन की मेजबानी में शहर में पहली बार रवीन्द्र नाट्य गृह के सभागृह में विशिष्ट श्रेणी के विधवा-विधुर, तलाकशुदा, दिव्यांग एवं अधिक उम्र के प्रत्याशियों का परिचय सम्मेलन कई मायनों में सार्थक और सफल साबित हुआ। म.प्र. वैश्य कल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश अग्रवाल ने भी इस मौके पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि गृहस्थ जीवन की खुशियों से वंचित प्रत्याशियों के लिए घर फिर से बसाने की दिशा में यह एक अनूठा प्रसंग है। सामाजिक क्रांति की दिशा में इस तरह के आयोजन समाज के सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी साबित होंगे। वैश्य घटकों के बीच एकता और रोटी-बेटी के रिश्तों की स्थापना की दिशा में ऐसे परिचय सम्मेलन हर दृष्टि से प्रासंगिक साबित होंगे।
रवीन्द्र नाट्य गृह में संपन्न हुए इस परिचय सम्मेलन में लगभग 1800 प्रत्याशी शामिल हुए। इनमें 25 वैश्य घटकों के 600 तलाकशुदा, 800 अधिक उम्र के और अन्य श्रेणी के भी 100 से अधिक प्रत्याशी शामिल हैं। अतिथियों द्वारा कुलदेवी महालक्ष्मी के चित्र पूजन के साथ प्रारंभ हुए इस परिचय सम्मेलन में समाजसेवी विमल तोड़ी, प्रेमचंद गोयल, दिनेश मित्तल, भरत मोदी, रमेश मित्तल मेडिकेप्स, संगठन प्रदेश अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल, पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा, संदीप जैन मोयरा, राजेश गर्ग केटी, विष्णु बिंदल, डॉ. दिव्या गुप्ता, विजय मेहता, राजकुमार पाटोदी, मनोहर झांझरी, हंसराज जैन, रमेश खंडेलवाल, निपुण गर्ग, सुमित अग्रवाल, निर्मल रामरतन अग्रवाल, केके गोयल, राजेश बंसल, नीलेश अग्रवाल, राखी विजयवर्गीय सहित विभिन्न वैश्य घटकों के पदाधिकारी मौजूद थे।
अतिथियों का स्वागत संगठन के प्रदेश महामंत्री अरविंद बागड़ी, शहर अध्यक्ष धीरज खंडेलवाल एवं परिचय सम्मेलन के प्रमुख संयोजक राजेश गर्ग और शिव जिंदल, विकास डागा, विनोद गोयल, विलेश एरन ,नंदू कंदोई , रोहित बागडी , प्रवीण नीखरा, निर्मल जैन आदि ने किया।
परिचय का सिलसिला शुरू होते ही सभागृह में मौजूद पालकों और प्रत्याशियों का उत्साह देखते ही बन रहा था। सबसे पहले विधवा-विधुर प्रत्याशियों के परिचय का दौर शुरू हुआ। पालकों ने अपने बच्चों के लिए योग्य और श्रेष्ठतम जीवन साथी तलाशने का क्रम शुरू किया, जो अंत तक चलता रहा। इस बीच आयोजकों द्वारा गठित मिलन सम्पर्क समिति के माध्यम से करीब 55 रिश्ते दोनों पक्षों के बीच सहमति की स्थिति में पहुंच गए। इतने ही रिश्तों पर अभी प्रारंभिक चर्चाओँ का दौर जारी है। इस तरह इस परिचय सम्मेलन के माध्यम से 100 से अधिक रिश्तों पर मुहर लगने की संभावना है। सम्मेलन में देश के 20 राज्यों तथा विदेशों में कार्यरत करीब 80 प्रत्याशियों की प्रविष्ठियां भी प्राप्त हुई। अनेक प्रत्याशियों की ओर से उनके पालकों ने मंच पर पहुंचकर अपनी बात रखी, वहीं अनेक प्रत्याशियों ने भी स्वयं अपना पक्ष रखा।
आज के सम्मेलन की दिलचस्प बात यह रही कि एक विकलांग जोड़े की शादी की जवाबदारी वैश्य महासम्मेलन ने ली, वहीं एक अन्य जोड़े ने विवाह सम्मेलन में शामिल होने की इच्छा जताई। आयोजकों ने इसके लिए जुलाई माह में विवाह कराने की घोषणा की।
सम्मेलन में विवाह की बढ़ती उम्र और टूटते रिश्तों पर रोचक परिचर्चा का आयोजन भी हुआ, जिसमें पत्रकार राजेश चेलावत सहित विभिन्न समाजों के वक्ताओं ने कहा कि बच्चोंकी शादी 25 वर्ष से कम आयु में कर देना चाहिए। वक्ताओं ने टूटते रिश्तों और विवाह की बढ़ती उम्र पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी समाजों से मिलकर सर्वमान्य पहल करने की बात कही।
परिचय मंच का संचालन संगीता भारुका , प्राची गर्ग एवं राजकमल माहेश्वरी ने किया। कुछ अविवाहित युवकों ने विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं से शादी करने की सहमति जताई, वहीं 57 वर्षीय विधवा महिला को भी अनेक प्रस्ताव मिले।
संगठन के प्रदेश महामंत्री अरविंद बागड़ी ने बताया कि मंच से परिचय का मैराथन दौर चला, जिसमें करीब 600 प्रत्याशियों ने परिचय दिए। कुल 1400 प्रविष्टियों के बाद 385 ने पंजीयनों सहित कुल 1785 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई जो एक कीर्तिमान है। सम्मेलन में देशभके 20 राज्यों तथा विदेशों में कार्यरत 80 प्रत्याशियों ने भाग लिया। सम्मेलन की व्यवस्थाओं की देशभर से आए सभी वैश्य समाजों के लोगों ने खुलकर प्रशंसा की।