फिल्म सिटी से यूपी को मिलेगी नई पहचान, कलाकारों को अब नहीं पड़ेगा भटकना
उत्तर प्रदेश की पहली फिल्म सिटी के धरातल पर उतरना पक्का हो गया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के मूर्तरूप लेने से न सिर्फ यीडा सिटी बल्कि प्रदेश को एक नई पहचान मिलेगी। नई तकनीक आने के साथ ही स्थानीय कलाकारों को भी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होने के साथ एक्टिंग के गुर सीखने के लिए दिल्ली व मुंबई की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। इसके साथ ही डिज्नी वर्ल्ड के आने की भी संभावना बढ़ गई है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बाद अब फिल्म सिटी यीडा सिटी की पहचान बनेगी। स्थानीय कलाकार प्रदीप नागर कहते हैं अब तक थियेटर के लिए दिल्ली से मुंबई आना-जाना पड़ता है और इसमें युवा कलाकारों की आर्थिक रूप से कमर टूट जाती है, मगर मुंबई की तर्ज पर बाॅलीवुड का गौतमबुद्ध नगर में भी तड़का लग सकेगा। मुख्यमंत्री ने इसी सोच के साथ ही फिल्म सिटी बनाने की घोषणा की थी। इससे न सिर्फ कला को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
फिल्म निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश बन जाएगा हमारा घर
यीडा फिल्म सिटी की आर्थिक बिड सफल होने के बाद बोनी कपूर ने कहा कि मैंने हमेशा अपना फिल्म स्टूडियो बनाने का सपना देखा है और सौभाग्य से अब मुझे यह मिल गया है। मैंने ग्रेनों में अपनी तीन फिल्मों की शूटिंग की है और अब उत्तर प्रदेश फिल्म निर्माण के लिए हमारा घर बन जाएगा। मैं और मेरे साथी मिलकर इसे एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि एक फिल्म निर्माता एक स्क्रिप्ट के साथ आएगा और पूरी फिल्म के साथ जाएगा।
साउथ और क्षेत्रीय फिल्मों को भी दिया जाएगा मौका
बिड में शामिल भूटानी ग्रुप के अश्विनी चैटलें ने कहा कि फिल्म सिटी के विकास को लेकर काफी समय से तैयारी कर रहे थे। देश-विदेश की कई फिल्म सिटी का अध्ययन करने के बाद लेआउट प्लान तैयार कर लिया गया है। यहां अत्याधुनिक तकनीक को लाने का प्रयास किया जाएगा। यहां बॉलीवुड और साउथ की फिल्मों क साथ क्षेत्रीय फिल्मों को भी काम किया जाएगा।
भूखंड बेचने का नहीं है अधिकार
यमुना प्राधिकरण ने फिल्म सिटी को विकसित करने के लिए कंपनियों को सबलीज करने की छूट दी है, लेकिन कंपनियां भले किसी दूसरी कंपनियों को सबलीज कर दें, मगर इसके सभी अधिकार प्राधिकरण के पास सुरक्षित होंगे। इसमें सभी तरह की गतिविधियां होंगी और तीन साल में काम पूरा करना होगा। यमुना प्राधिकरण को आठ साल बाद ही कुल आय का 18 फीसदी लाभ मिलने लगेगा।
230 एकड़ में विकसित होगा प्रथम चरण
प्रथम चरण में 230 एकड़ में फिल्म सिटी विकसित की जाएगी। इसमें 155 में फिल्म के कारोबार से जुड़ी इंडस्ट्री और आवासीय सुविधा होगी, जबकि 75 एकड़ में व्यावसायिक गतिविधियों होटल, मॉल और प्लॉजा होंगे। दूसरे चरण में 250 एकड़ विकसित किया जाएगा। इसमें विला, गोल्फ कोर्स व मनोरंजन पार्क होंगे। दूसरे चरण के विकास में पहली कंपनी को प्राथमिकता दी जाएगी।