ब्लैक आउट रहा। नागरिकों ने भी अपने घरों, प्रतिष्ठानों आदि की लाईट स्वैच्छा से बंद कर दी और दिए गए दिशा

ब्लैक आउट रहा। नागरिकों ने भी अपने घरों, प्रतिष्ठानों आदि की लाईट स्वैच्छा से बंद कर दी और दिए गए दिशा

ब्लैक आउट रहा। नागरिकों ने भी अपने घरों, प्रतिष्ठानों आदि की लाईट स्वैच्छा से बंद कर दी और दिए गए दिशा - निर्देशानुसार सभी खिड़की-दरवाजे बंद कर लाइट को बाहर नहीं आने दिया। चहुंओर अंधेरा ही अंधेरा दिखाई दिया।

आपात स्थितियों के लिये तत्काल और समन्वित कार्यवाही की प्रणाली को परखा।

इस मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षण संस्थान,अन्य महत्वपूर्ण विभागों की सहभागिता रही। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य विभिन्न आपात स्थितियों जैसे हवाई हमले, अग्निकांड, विस्फोट या अन्य संकट की स्थिति में तत्काल और समन्वित कार्यवाही की प्रणाली को परखना था। साथ ही इसके माध्यम से नागरिकों में सुरक्षा संबंधी जागरूकता बढ़ाई गई और उन्हें संकट के समय क्या करना है, कैसे प्रतिक्रिया देना है इसका व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया।

       मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी प्रणालियों की प्रभावशीलता का परीक्षण, भारतीय वायु सेना के साथ संचार व्यवस्था की जांच, नियंत्रण कक्षों एवं छाया नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन, नागरिकों, छात्रों एवं स्वयंसेवकों को नागरिक सुरक्षा उपायों का व्यावहारिक प्रशिक्षण, आपात स्थिति में ब्लैक आउट और निकासी योजनाओं के क्रियान्वयन का आकलन, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु शीघ्र छिपाने की व्यवस्था का परीक्षण, नागरिक सुरक्षा सेवाओं, वार्डनों, अग्निशमन एवं बचाव दल की तत्परता की समीक्षा के साथ ही डिपो प्रबंधन, आपूर्ति व्यवस्था तथा राहत संचालन की प्रणाली का परीक्षण किया गया।

आभार

      कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया कि मॉक ड्रिल का सफलतापूर्वक प्रभावी संचालन किया गया । मॉक ड्रिल में जिले के सभी हितधारकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की गई, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में जन-धन की हानि को न्यूनतम किया जा सके। मॉक ड्रिल में आपदा प्रबंधन की वास्तविक समय में परख की गई। उन्होने मॉक ड्रिल के सफलतापूर्वक संचालन के लिये सभी संबंधितों की सराहना करते हुये आभार‍ व्यक्त किया।