SC/ST आरक्षण में भी होगा आरक्षण, सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, क्रीमी लेयर पर भी अहम टिप्पणी

7 जजों की बेंच ने 6-1 के बहुमत से फैसला सुनाया है. 6 जज इस पक्ष में थे कि राज्यों को SC और ST जातियों में सब-क्लासिफिकेशन करने का अधिकार दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने आज SC/ST आरक्षण को लेकर एक अहम फैसला सुनाया. टॉप कोर्ट ने SC/ST आरक्षण के तहत सब-क्लासिफिकेशन को लेकर राज्य सरकारों की शक्ति को मान्यता दे दी है. सीधा कहें तो अब राज्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के तहत उपजातियां तय कर सकते हैं. सात जजों की संवैधानिक बेंच ने 6-1 के बहुमत से ये फैसला दिया है. इसके साथ ही बेंच ने इसी मुद्दे पर साल 2005 के ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य केस से जुड़े फैसले को खारिज कर दिया है. बेंच ने अपने फैसले में कहा कि ऐतिहासिक साक्ष्यों और सामाजिक मानदंडों को देखा जाए तो ये साफ होता है कि सभी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियां समान रूप से एक जैसी नहीं हैं. कोर्ट ने सब-क्लासिफिकेशन के अपने फैसले में अनुच्छेद 341 का जिक्र किया. इसके तहत केवल देश के राष्ट्रपति को ही SC और ST की सूची (शेड्यूल कास्ट) में बदलाव करने का अधिकार है.