वीर अलीजा सरकार का स्वर्ण आभूषण एवं 20 ग्राम सोने के बरक से हुआ श्रंृगार, दिन भर चला दर्शन-पूजन का दौर

वीर अलीजा सरकार का स्वर्ण आभूषण एवं 20 ग्राम सोने के बरक से हुआ श्रंृगार, दिन भर चला दर्शन-पूजन का दौर

स्वर्ण आभूषणों से निखरी प्रतिमा, शाम को हुई भजन संध्या में भजनों पर झूमे भक्त

रजभवन में विराजित अलीजा सरकार के दर्शनों के लिए उमड़ा भक्तों का जनसैलाब*

वीर अलीजा सरकार का स्वर्ण आभूषण एवं 20 ग्राम सोने के बरक से हुआ श्रंृगार, दिन भर चला दर्शन-पूजन का दौर

क्ले और कांच से 50 कारीगरों द्वारा 15दिन में तैयार किये गए राज भवन से दिया आशीर्वाद

- खाखरे के पत्तों पर भोजन तो तांबे के लोटो से जल वितरित किया जाएगा

इन्दौर। देवी अहिल्या की नगरी इन्दौर में हनुमान जयंती पर शहर के अति प्राचीन मंदिरों में अनेक आयोजन हों रहे है लेकिन वीर बगीची में इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव का नजारा कुछ अलग ही देखने को मिला । 20 ग्राम स्वर्ण वर्क से अलसुबह ही जहां प्रभु का चोला चढ़ा ओर प्रभु एलिजा सरकार अपने भक्तों के लिए डायमंड मुकुट व स्वर्ण आभूषणों से सजे नजर आए । भक्तों द्वारा दिए गए कंठी, हसली, राम नाम के पेंडल और सोने के तिलक में प्रभु मनमोहक नजर आ रहे थे ।सुबह 6 बजे काकड़ आरती के बाद दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ।

विग्रह अभिषेक, दीप दान उत्सव, हनुमान यात्रा के बाद आज हनुमान जयंती पर स्वर्ण श्रृंगार के साथ कांच और किले से सजे राज भवन में प्रभु अलिजा सरकार अपने भक्तों को दर्शन देने विराजे । गादीपति ब्रह्मचारी पवनानंदजी महाराज ने बताया कि वीर बगीची में हनुमान जयंती महोत्सव पर सुबह 6 बजे काकड़ आरती की गई। ब्रह्मलीन ब्रह्मचारी श्री 1008 कैलाशानंद जी, ब्रह्मचारी ओंकारानंदजी एवं ब्रह्मचारी प्रभुवानंद सद्गुरूदेव भगवन की प्रेरणा से आयोजित किया गए पूरे आयोजन की बागडोर भक्तो ने सँभाली। सुबह 5 से ही दर्शनों के अभिलाषियों काआना शुरू हो गया। शाम 5 प्रभु को भोग लगाने के बाद देर रात तक भंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया है।

दर्शनों का सुख दोगुना हो गया

गादीपति ब्रह्मचारी पवनानंद महाराज ने बताया कि वीर बगीची में इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव पर राजभवन की थीम रखी गई है। जिसमें अलीजा सरकार राजभवन में भक्तों को दर्शन दे रहे है ।वीर बगीची में अलीजा सरकार के भक्तों द्वारा लिप्पन कला से राजभवन तैयार किया जा रहा है। प्लायवुड पर क्ले और कांच की सजावट से राजभवन तैयार किया गया जिसे देख प्रभु के दर्शनों का सुख दोगुना हो गया। 50 लोगों की टीम 15 दिनों में राजभवन तैयार किया 10 हजार मीटर का कपड़ा एवं 25 कारपेट से यह राजभवन तैयार किया गया है। मिट्टी और शीशे के टुकड़ों से दीवारों पर मड मिरर आर्ट तैयार किया गया यह गुजरात के कच्छ क्षेत्र में प्रचलित है। इस कला को सदियों से कच्छ का रबारी समाज संजोकर रखा है।

सूरत से आया रत्नों से जडा स्वर्ण मुकूट

गादीपति ब्रह्मचारी पवनानंद महाराज ने बताया कि स्वर्ण आभूषणों के साथ ही इस वर्ष अलीजा सरकार को स्वर्ण मुकुट भी पहनाया गया। जो सूरत शहर से देर रात आया। 3 दिन से लगातार छाया उल्लास आज भक्तों के बीच चरम पर था जय श्री राम और जय हनुमान के जय घोष के साथ भक्तों ने दर्शन किए।विग्रह अभिषेक, दीप दान उत्सव, हनुमान यात्रा के बाद आज हनुमान जयंती का आयोजन प्रभु का भक्तो से मिलान का एहसास करा रहा था।।

 महाआरती ओर भोग से अनवरत चला भंडारा

महाआरती , धूप , नैवेद्य के पश्चात महाप्रसादी का आयोजन किया गया। पायरो व जन्म स्तुति के बाद हजारों भक्त भोजन प्रसादी ग्रहण करेंगे। वीर अलीजा का यह भंडारा अंतिम व्यक्ति आने तक जारी रहा। वहीं सुबह से शाम तक धूप की तपन और थकान से बचने के लिए केरी का पना वितरित किया गया। भोजन प्रसादी में आलू छोले की सब्जी, पूरी, बेसन चक्की और नुक्ति का प्रसाद तैयार किया गया था। वीर बगीची में आयोजित महाप्रसादी रात 3 बजे तक लगातार 10 घण्टे ताजा भोजन बनता रहेगा। पूरे आयोजन को डिस्पोजल मुक्त बनाते हुए प्रसादी खाखरे के पत्तों पर परोसी गई वही भक्तों को तांबे के लौटे से जलपान कराया गया।