भारत भूमि विलक्षण, दुष्टों और विधर्मियों का तांडव ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा, राष्ट्र धर्म सर्वोपरि

भारत भूमि विलक्षण, दुष्टों और विधर्मियों का तांडव ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा, राष्ट्र धर्म सर्वोपरि
गोराकुंड के मदन मोहनलाल मंदिर पर चल रहे महोत्सव में भक्तों ने लगाए भारतीय सेना जिंदाबाद के नारे
इंदौर, । सूर्य देवता की पहली किरण भारत भूमि पर पड़ती है, पश्चिमी देशों पर बाद में। भारत जैसा विलक्षण देश कोई और नहीं हो सकता। राम और कृष्ण के अवतार वाली इस भूमि का पुण्य प्रताप यही है कि दुष्टों और विधर्मियों का तांडव ज्यादा दिनों तक नहीं चलता, चाहे रावण हो या कंस। आज एक बार फिर भारत भूमि पर धर्मयुद्ध हो रहा है तो विश्वास रखें कि राम एवं कृष्ण की यह पुण्य धरा दुष्टों को ठिकाने लगाकर रहेगी। दुश्मनों को घर में घुसकर मारने में हम एक बार फिर कामयाब होकर रहेंगे। हमारे लिए राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है।
भागवताचार्य अनुरागजी ने कहा कि राम और कृष्ण इस देश की आत्मा है, जिनके बिना न तो हमारी संस्कृति की कल्पना संभव है, न ही भारत भूमि की। राम हमारे रोम रोम में बसे हैं तो कृष्ण भी कण- कण में व्याप्त है। जब-जब हम पर कोई संकट आया है, सनातन धर्म की ताकत ने हमें और अधिक मजबूत बनाया है । सनातन धर्म की यही खूबी है कि तमाम हमलों के बाद भी यह खत्म होने की जगह ज्यादा विस्तारित ही हुआ है। राष्ट्र धर्म हमारे लिए सर्वोपरि है। राष्ट्र बचेगा तो हम भी बचेंगे। दुनिया में भारत की शौर्य गाथा हमेशा वंदनीय रही है और आगे भी रहेगी।
भागवताचार्य अनुराग गोराकुंड, एम.जी. रोड स्थित मदन मोहनलाल मंदिर परिसर पर चल रहे पुष्टीमार्गीय सत्संग एवं भागवत रसपान महोत्सव में राम-कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग की व्याख्या के दौरान व्यक्त किए। कथा में उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमले पर हर्षनाद करते हुए आतंकी, विधर्मी और दुष्ट ताकतों को जड़-मूल से नष्ट करने की प्रार्थना की। भक्तों ने भारत जिंदाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद और मोदीजी जिंदाबाद के नारे भी लगाए । कथा शुभारंभ के पूर्व व्यासपीठ का पूजन राजूदास काठियावाले बाबा के सानिध्य में रमेश सुगंधी, महेश मित्तल, आलोक शर्मा, शरद पोरवाल, विपुल जोशी, दिलीप सोनी आदि ने किया। संयोजक राजेश जोशी ने बताया कि गोराकुंड पर भागवत कथा एवं पुष्टीमार्गीय सत्संग महोत्सव में आज राम-कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।