प्रयाग की गंगा तो तन को निर्मल बनाती है, लेकिन  रामकथा रूपी गंगा हमारे अंतर्मन को निर्मल बनाएगी - प.पू. उत्तम स्वामी

प्रयाग की गंगा तो तन को निर्मल बनाती है, लेकिन  रामकथा रूपी गंगा हमारे अंतर्मन को निर्मल बनाएगी  - प.पू. उत्तम स्वामी
अग्रवाल संगठन नवलखा क्षेत्र .. आनंद नगर स्थित आनंद मंगल परिसर में आज से प्रारंभ श्रीराम कथा महोत्सव के पूर्व निकली कलशयात्रा


अग्रवाल संगठन नवलखा क्षेत्र इंदौर 

प्रयाग की गंगा तो तन को निर्मल बनाती है, लेकिन 
रामकथा रूपी गंगा हमारे अंतर्मन को निर्मल बनाएगी
कलश यात्रा के साथ आनंद नगर में अग्रवाल संगठन द्वारा प.पू. उत्तम स्वामी के श्रीमुख से श्रीराम कथा का शुभारंभ

इंदौर।  स्वार्थ के आधार पर की गई भक्ति कभी भी समाप्त हो जाती है। प्रभु श्रीराम के चरित्र में ऐसी अनेक विशेषताएं हैं, जो उन्हें मर्याद पुरुषोत्तम बनाती है। वर्तमान में चित्र पूजा  को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है, जबकि जरूरत है चरित्र पूजा की। हमारे कर्मों में सेवा और भक्ति का भाव होना चाहिए। शिव श्रद्धा हैं और पार्वती विश्वास। यह संसार श्रद्धा और विश्वास के दो स्तंभों पर ही चल रहा है। कोशिश करें कि हम किसी भी स्थिति में श्रद्धा और विश्वास को कायम रखें, सुदृढ़ बनाएं और डिगने नहीं दें। प्रयाग की गंगा तो तन को पवित्र और निर्मल बनाती है, लेकिन रामकथा रूपी गंगा हमारे अंतर्मन को निर्मल और निश्छल बनाएगी। 
             प्रख्यात मानस मनीषी महामंडलेश्वर प.पू. उत्तम स्वामी महाराज ने रविवार को अग्रवाल संगठन नवलखा की मेजबानी में आनंद नगर खेल परिसर मैदान पर प्रारंभ हुई 9 दिवसीय रामकथा के शुभारंभ सत्र में उक्त दिव्य विचार व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व नवलखा चौराहा से कथा स्थल तक मंगल कलश एवं श्रीफलधारी तीन हजार महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। बैंडबाजों, अश्वारोही सवार एवं ढोल-ताशो  के साथ रथ-बग्घियों सहित कलश यात्रा नवलखा मेनरोड एवं चितावद होते हुए आनंद नगर पहुंची। मार्ग में 25 से अधिक स्थानों पर मंच लगाकर शोभायात्रा में शामिल प.पू. उत्तम स्वामी एवं अन्य श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। कहीं दूध, श्रीखंड, लस्सी, छाछ तो कहीं फलों का प्रसाद बांटकर भक्तों की अगवानी की गई। कथा स्थल पहुंचने पर अग्रवाल संगठन नवलखा की ओर से अध्यक्ष महेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष पिंकी गोयल, प्रमुख संयोजक संदीप गोयल आटो, पार्षद मृदुल अग्रवाल, संजय अग्रवाल हाई-वे, अमन अग्रवाल, संजय बद्रुका, सुरेश गोयल किराना, विशाल मित्तल,  सुनील बड़गोंदा, चंद्रेश बंसल आदि ने  व्यासपीठ का पूजन किया। अतिथि के रूप में सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, भाजपाध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित अनेक जन प्रतिनिधि भी मौजूद थे। श्रीराम कथा महोत्सव के इस आयोजन में नवलखा, चितावद, पालदा, आनंद नगर एवं आसपास के क्षेत्रों की 50 कालोनियों के श्रद्धालु भागीदार बनेंगे। 
                कथा स्थल पहुंचने पर प.पू. उत्तम स्वामी ने कहा कि हमारी दृष्टि सात्विक, सहज और संयमित होना चाहिए। प्रभु श्रीराम का चरित्र इतना विराट और ऊंचाई से संपन्न है, जिस पर जितनी व्याख्याएं की जाएं, उतनी कम होंगी। यह मानकर चलें कि स्वार्थ के आधार पर की गई भक्ति कभी भी समाप्त हो सकती है। आजकल टीवी और सोशल मीडिया पर अनेक तरह के साधु-संत नजर आ रहे हैं। साधु केवल पहनावे से नही बना जा सकता, साधु वही होगा, जो अपने आचरण को भी सत्य, अहिंसा, परोपकार और साधना से जोड़कर चले। बहुत से साधु धर्म को बेच रहे हैं। साधु का चरित्र तो कपास की तरह निर्मल, स्वच्छ और निश्छल होना चाहिए। साधु का धर्म सेवा, साधना और सत्य के बिना पूरा नहीं हो सकता। संत हृदय पत्थर जैसा नहीं, मक्खन जैसा सरल होना चाहिए।  संयोजक  संदीप गोयल ने बताया कि आनंद नगर स्थित आनंद मंगल परिसर में  श्रीराम कथा महोत्सव का यह अनुष्ठान 21 अप्रैल तक प्रतिदिन सायं 4 से 7 बजे तक चलेगा। इस दौरान प्रतिदिन रात 8 बजे से भजन संध्या के आयोजन भी होंगे। कथा स्थल पर भक्तों की सुविधा के लिए पेयजल, छांया, प्रकाश, साफ-सफाई एवं निःशुल्क वाहन पार्किंग सहित समुचित प्रबंध किए गए हैं।