इंदौर शहर को देश की राजधानी घोषित करने पर विचार किया जाना चाहिए-पूर्व राज्यमंत्री पं. योगेंद्र महंत

इंदौर। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए वहां के रहिवासी बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ स्वच्छता में नंबर वन आने वाले इंदौर में शैक्षिक स्वास्थ्य,विकास और समृद्धि को लेकर एक बड़ा बदलाव सामने आ रहा है । मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष इंदौर को भारत की राजधानी के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव भेजने की पहल करें। शहर की केंद्रीय स्थिति, आर्थिक विकास, सांस्कृतिक विरासत, और बुनियादी ढांचा इसे एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाता हैं ।अपना यह शहर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। इंदौर को राजधानी बनाने से देश को कई लाभ हो सकते हैं और यह देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।शहर को राजधानी घोषित करने के लिए कई ज़रूरतें होती हैं जो इंदौर के पास है जो इसे एक प्रभावी प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र बनाने में मदद करती हैं।
मोहन यादव मैं पूर्व राज्यमंत्री पं. योगेंद्र महंत इंदौर का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते आपसे दरखास्त करता हूं कि इंदौर को देश की राजधानी बनाने के लिए प्रधानमंत्री के समक्ष आप प्रस्ताव रखें । प्रदेश के मुखिया होने के नाते आप इसकी पहल कर सकते हैं। भारत एक विविध और समृद्ध देश है, जिसमें कई शहर अपनी विशिष्ट पहचान और महत्व के साथ उभर रहे हैं। इंदौर मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व, और आर्थिक विकास के लिए जाना जाता है। इंदौर को भारत की राजधानी बनाया जाता है तो तय किये मानको की पुर्ति इसे एक आदर्श शहर बनाते हैं।
देश के मध्य स्थान और पहुंच इंदौर देश के मध्य में स्थित है, जो इसे सभी क्षेत्रों से आसानी से पहुंचने योग्य बनाता है। शहर की स्थिति ऐसी है कि यह उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के सभी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों के लिए यहां पहुंचना आसान हो जाता है। औद्योगिक व पर्यटन स्थलों के माध्यम से इंदौर सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक मैं भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं जिससे यहां के किसानों की समृद्धता और खुशहाली बढ़ेगी वहीं महिलाओं को भी यहां खुलकर सामने आने और अपनी सहभागीता दिखाने का मौका मिलेगा।
*आर्थिक विकास और उद्योग*इंदौर एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है, जिसमें विभिन्न प्रकार के उद्योग जैसे कि ऑटोमोबाइल, फूड प्रोसेसिंग, रेडीमेड गारमेंट ,आईटी पार्क ,कृषि उपकरण ,मसाला उद्योग और आईटी उद्योग विकसित हो रहे हैं टीसीएस इंफोसिस जैसी बड़ी आईटी कंपनियां इंदौर में अपने ऑफिस खोल चुकी है वही कई विदेशी कंपनियां भी इंदौर में निवेश करने के लिए तैयार है। यहाँ की आर्थिक विकास दर उच्च है, और यह देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।इंदौर सैन्य क्षेत्र महू, बी एस एफ सेना के प्रमुख गढ़ है यह सेना का ट्रेनिंग सेंटर सुरक्षा के हिसाब से महत्वपूर्ण है।
मेट्रोपोलिटियन व सांस्कृतिक विरासत,शिक्षा,धर्म इंदौर एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ धार्मिकता वाला शहर है, मालवी संस्कृती से सम्रद्ध इस शहर में कई प्रदेश अपनी संस्कृति के साथ समाए हुए हैं ।जिसमें कई ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक केंद्र हैं। शहर में कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान भी हैं जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करते हैं।हाल ही में हुई कैबिनेट के बाद इंदौर महानगर विकास प्राधिकरण के गठबंधन पर विचार किया जा रहा है।गठबन्धन के साथ उज्जैन इंदौर देवास धार सब एक ही जाएगा। नई राजधानी के विकास के लिए ये संभावनाएं महत्व पूर्ण हैं। धार्मिक नगरी होने के साथ उज्जैन स्थित महाकाल ज्योत्रिय लिंग , ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग विश्व विख्यात है सनातन धर्म के हिसाब से इंदौर पूर्ण है।
बुनियादी ढांचे और सुविधाएं *इंदौर में अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचे और सुविधाएं हैं, जैसे कि सडक़ें, रेलवे, हवाई अड्डे, और सार्वजनिक परिवहन। शहर में कई आधुनिक सुविधाएं भी हैं जो निवासियों और आगंतुकों के लिए आरामदायक जीवन प्रदान करती हैं। देवी अहिल्याबाई यूनिवर्सिटी के साथ-साथ इंदौर में कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी खुल चुकी है जो शहर को एक शैक्षणिक महानगर की पहचान देता है वही इंदौर शहर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी काफी प्रगति कर चुका है बड़े-बड़े निजी मेडिकल चिकित्सा केंद्र के साथ-साथ शैक्षणिक केंद्र भी नए डॉक्टरों की पद तैयार कर रहे हैं। इंदौर की रेलवे कनेक्टिविटी सारे प्रदेशों के लिए आसान और सुलभ है वही इंटरनेशनल एयरपोर्ट इसे और अधिक सुलभता प्रदान कर रहा है। जल्द ही इंदौर में मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा उसके बाद नायता मुंडला व कुम्हेढी स्थित बस स्टैंड भी अंतरराष्ट्रीय मानको के आधार पर तैयार किया जा रहे हैं।
इंदौर को भारत की राजधानी बनाने के लिए कई कारण हैं जो इसे एक आदर्श शहर बनाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख ज़रूरतें हैं:
1. *केंद्रीय स्थान*: शहर का देश या राज्य के मध्य में स्थित होना आवश्यक है, ताकि वह सभी क्षेत्रों से आसानी से पहुंचा जा सके।
2. *बुनियादी ढांचे*: शहर में अच्छी तरह से विकसित बुनियादी ढांचे जैसे कि सडक़ें, रेलवे, हवाई अड्डे, और सार्वजनिक परिवहन होने चाहिए।
3. *प्रशासनिक भवन*: शहर में सरकारी कार्यालयों, मंत्रालयों, और अन्य प्रशासनिक भवनों के लिए पर्याप्त स्थान और सुविधाएं होनी चाहिए।
4. *सुरक्षा और कानून व्यवस्था*: शहर में अच्छी सुरक्षा और कानून व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि सरकारी कार्यालयों और निवासियों को सुरक्षित रखा जा सके।
5. *आधुनिक सुविधाएं*: शहर में आधुनिक सुविधाएं जैसे कि बिजली, पानी, संचार नेटवर्क, और स्वास्थ्य सेवाएं होनी चाहिए।
6. *शिक्षा और अनुसंधान*: शहर में अच्छे शैक्षिक संस्थान और अनुसंधान केंद्र होने चाहिए, जो प्रशासनिक और राजनीतिक निर्णयों के लिए आवश्यक ज्ञान और विशेषज्ञता प्रदान कर सकें।
7. *आर्थिक स्थिरता*: शहर की अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर होनी चाहिए, ताकि वह सरकारी गतिविधियों और प्रशासनिक कार्यों को समर्थन प्रदान कर सके।
8. *निवास योग्यता*: शहर निवास योग्य होना चाहिए, जिसमें अच्छे आवास, पार्क, और अन्य सार्वजनिक स्थान हों जो निवासियों के लिए आरामदायक जीवन प्रदान कर सकें।
9. *पर्यावरणीय स्थिरता*: शहर में पर्यावरणीय स्थिरता के लिए आवश्यक उपाय होने चाहिए, जैसे कि हरित क्षेत्र, स्वच्छता, और प्रदूषण नियंत्रण।
10. *राजनीतिक महत्व*: शहर का राजनीतिक महत्व होना चाहिए, जैसे कि वह देश या राज्य के राजनीतिक केंद्र के रूप में जाना जाता हो।
इन सभी ज़रूरतों को पूरा करने वाला हमार इंदौर शहर एक प्रभावी राजधानी बन सकता है, जो देश या राज्य के प्रशासन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।